दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल जिले के लाखो लोगों कोसी नदी की बाढ़ से सुरक्षा के साथ मिली यातायात सुगमता।

बड़ा ऐलान कमला नदी के तटबंध पर सड़क निर्माण कार्य को रसियारी (दरभंगा) से आगे 56 किलोमीटर बढ़ाया जाएगा।

#MNN@24X7 दरभंगा, 27 जनवरी, वसंत पंचमी और गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने दरभंगा, मधुबनी, सहरसा और सुपौल जिलों की यात्रा कर कोसी नदी के पश्चिमी तथा पूर्वी तटबंध पर जल संसाधन विभाग द्वारा निर्मित सड़क का उद्घाटन किया।
   
उन्होंने कहा कि इस योजना से चारो जिलों की बड़ी आबादी को कोसी नदी की बाढ़ से सुरक्षा के साथ-साथ यातायात सुगमता मिलेगी,इसके साथ ही उन्होंने जमालपुर (दरभंगा) में स्थित विभाग के निरीक्षण भवन के जीर्णोद्धार कार्य का भी उद्घाटन किया।
      
इस मौके पर एक बड़ा ऐलान करते हुए संजय कुमार झा ने कहा कि कमला नदी के दोनों तटबंधों पर भी पहले फेज में कुल 80 किलोमीटर लंबाई में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है, जो जल्द पूरा हो जाएगा।
      
साथ ही दूसरे फेज में अगले वित्त वर्ष में ही इस कार्य को रसियारी (दरभंगा) से आगे दोनों तरफ 28 किलोमीटर (कुल 56 किलोमीटर) बढ़ाया जाएगा। इससे कमला तटबंध के रास्ते लोग दरभंगा से नेपाल सीमा पर स्थित जयनगर तक आसानी से पहुंच जाएंगे।
  
जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने सुपौल के गांधी मैदान में आयोजित मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह को संबोधित करने के बाद सहरसा जिले के महिषी प्रखंड में ग्राम थनवार (आरापट्टी) में सभा को संबोधित किया। इसके बाद वे निरीक्षण भवन, जमालपुर (दरभंगा) पहुंचे, जहां कोसी तटबंध पर निर्मित सड़क का  मुख्य उद्घाटन समारोह आयोजित था।
   
इस समारोह में बड़ी संख्या में मौजूद गणमाण्य एवं क्षेत्रवासियों को संबोधित करने के बाद मंत्री संजय कुमार झा ने तटबंध पर निर्मित सड़क पर यात्रा कर दरभंगा जिले के तरवारा और किरतपुर, जबकि मधुबनी जिले के भेजा, करहरा और तरडिहा में आयोजित सभाओं को भी संबोधित किया।
      
मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि कोसी पश्चिमी तथा पूर्वी तटबंध पर रोड बन जाने से तटबंध के टूटने की आशंका न्यूनतम हो जाएगी, जिससे सुपौल, सहरसा, मधुबनी और दरभंगा जिले में कोसी तटबंध के किनारे बसे गांवों के लाखो लोगों को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी।
      
साथ ही दरभंगा जिले के किरतपुर; मधुबनी जिले के मधेपुर, घोघरडीहा और लौकही; सुपौल जिले के निर्मली, मरौना, सुपौल, भपटियाही, किशनपुर और सहरसा जिले के महिषी, नवहट्टा, सिमरी बख्तियारपुर तथा सलखुआ प्रखंडों के निवासियों को आवागमन का एक प्रमुख वैकल्पिक मार्ग मिल गया है।
     
उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास पूर्व जल संसाधन मंत्री लालन सिंह के समय में ही किया गया था, लेकिन विभिन्न दिक्कतों का हवाला देकर ठेकेदार ने कार्य को बीच में ही छोड़ दिया था।
     
उन्होंने जल संसाधन मंत्री बनने के बाद वीरपुर (सुपौल) आकर इस कार्य की समीक्षा की थी और ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करते हुए इस कार्य को पूरा कराने का निर्देश दिया था। इसके बाद जल संसाधन विभाग ने पश्चिमी और पूर्वी तटबंध के शेष कार्य का अलग-अलग टेंडर निकाला और लगातार मॉनीटर करते हुए इस कार्य को पूर्ण कराया गया। आज इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्घाटन करके खुशी हो रही है।

मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि डेढ़ दशक पहले कोसी और कमला नदी के इलाके में आवागमन में काफी असुविधा थी। माननीय मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार के कार्यकाल में दोनों नदियों पर कई पुलों का निर्माण होने और गांव-गांव तक सड़क बन जाने से पूरे इलाके में आवागमन में सुविधा हुई।

अब कोसी तटबंध पर सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने से क्षेत्र में यातायात और सुगम हो गया है।

उन्होंने कहा कि पहली बार एमएलसी बनने पर दरभंगा आया था तो धनश्यामपुर से रसियारी (किरतपुर) जाने के लिए पहले कच्ची रास्तों पर उड़ती धूल में मोटरसाइकिल से सफर करना पड़ा था और फिर नाव से रसियारी पहुंचना पड़ा था, पुल नहीं रहने से क्षेत्र के लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
  
इसे देखते हुए रसियारी पुल का निर्माण करवाया, जिससे किरतपुर प्रखंड और आसपास की बड़ी आबादी को फायदा हुआ है। इसके अलावा 17 नंबर रोड का निर्माण कराये जाने से क्षेत्र के लोगों के लिए सहरसा, सुपौल जाना सुगम हो गया है।

मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि इलाके में आवागमन की स्थिति इतनी खराब थी कि रसियारी पुल को मंजूरी मिल जाने के बाद भी कोई ठेकेदार काम नहीं लेना चाहता था, क्योंकि यहां निर्माण सामग्री पहुंचाना काफी कठिन था। लेकिन लगातार प्रयास कर रसियारी पुल का निर्माण पूरा कराया। उन्होंने कहा कि अब यहां आने पर संतोष होता है। यह पुल इस क्षेत्र के लिए इतना महत्वपूर्ण है कि इसके शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम दोनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद आये थे।
    
उन्होने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करने के कारण पूरे बिहार में विकास के काम जमीन पर दिखाई पड़ रहे हैं। भीषण ठंड में मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार विभिन्न जिलों में घूम कर विकास कार्यों का निरीक्षण कर रहे हैं और लोगों से फीडबैक ले रहे हैं। समाधान यात्रा के क्रम में जब वे मधुबनी जिले में आये थे तब उन्होंने खुद स्थल पर जाकर देखा कि कमला नदी के तटबंध पर 80 किलोमीटर लंबाई में सड़क निर्माण कार्य किस तरह चल रहा है।
    
कोसी के बाद कमला नदी के तटबंधों पर भी सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने पर दोनों नदियों के किनारे बसे बड़े इलाके में विकास को गति मिलेगी।

जल संसाधन व सूचना एवं जन संपर्क मंत्री ने कहा कि माननीय नीतीश कुमार जो कहते हैं, उसे पूरा भी करते हैं।
    
उनके द्वारा सात निश्चय पार्ट-2 में घोषित महत्वाकांक्षी कार्यक्रम हर खेत तक सिंचाई का पानी को वर्ष 2025 तक पूरा करने के लक्ष्य के साथ पूरे राज्य में तेजी से काम चल रहा है।
    
मधुबनी जिले में उपलब्ध नहरी सिंचाई सुविधा को दुरुस्त किया जा रहा है। दरभंगा जिले में भी नहरी सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए काम कराया जाएगा।
    
मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि दरभंगा और मधुबनी जिले के कई इलाकों में जलजमाव कि एक बड़ी समस्या है। इसके समाधान के लिए जल संसाधन विभाग एक समेकित योजना तैयार कर रहा है। इसके अलावा विभिन्न सभाओं में क्षेत्र के लोगों ने जिन मांगों को उठाया है, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
      
जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्वी कोसी तटबंध का कुल 117.40 किलोमीटर, पश्चिमी कोसी तटबंध का कुल 107.07 किमी लंबाई में, साथ ही निर्मली-घोघरडीहा लिंक पथ का 8.54 किमी लंबाई में और भुतही बलान मार्जिनल बांध का 4.23 किमी लंबाई में उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण और पक्कीकरण कार्य कराया गया है। कोसी नदी के उपरोक्त बांध पर सड़क निर्माण की योजना है।
    
इससे कोसी के साथ-साथ भुतही बलान और तिलयुगा नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी। विभाग को बाढ़ अवधि में बाढ़ सुरक्षात्मक सामग्रियों के भंडारण करने और कहीं कटाव दिखने पर तत्परता से बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराने में सुविधा होगी। साथ ही इस तटबंध के नजदीक बसे प्रखंडों की बड़ी आबादी को आवागमन का एक प्रमुख वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। साथ में निर्मली-घोघरडीहा लिंक पथ में विभिन्न संरचनाओं के निर्माण/ पुनर्स्थापन के साथ सड़क निर्माण कार्य पूर्ण होने के फलस्वरूप यह पथ अब मॉनसून अवधि सहित पूरे वर्ष आवागमन का एक प्रमुख मार्ग सिद्ध होगा। इस तरह जल संसाधन विभाग की यह योजना क्षेत्र के लिए काफी जनोपयोगी एवं विकासोन्मुखी है।
     
जल संसाधन मंत्री ने कहा, कमला की बाढ़ से स्थाई सुरक्षा को बिहार सरकार ने चुनौती के रूप में लिया है।
    
मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने जब
2019 में उन्हें जल संसाधन विभाग के मंत्री पद का जिम्मा दिया, उसके बाद से विभाग ने मिथिला और कोसी क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम शुरू किया।
    
उन्होंने कहा कि उनके मंत्री बनने के करीब दो महीने बाद फ्लड सीजन शुरू होने पर नेपाल में अत्यधिक वर्षा के कारण कमला नदी का दायां एवं बायां तटबंध मधुबनी और दरभंगा जिले में कुल आठ स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। उन्होंने इसे एक चैलेंज के रूप में लिया। वर्ष 2020 में घनी आबादी के सामने संवेदनशील स्थलों पर कमला के तटबंधों को सुदृढ़ बनाने के लिए आयरन शीट पाइलिंग करवाई गई। उल्लेखनीय है कि बिहार में इस आधुनिक तकनीक को पहली बार उपयोग में लाया गया।
   
मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार ने खुद झंझारपुर आकर स्टील शीट पाइलिंग के कार्य का स्थल निरीक्षण किया था।
   
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि पूरे इलाके को कमला नदी की बाढ़ से स्थाई सुरक्षा दिलाने के लिए 2020 में आईआईटी रूड़की के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ नयन शर्मा एवं अन्य विशेषज्ञों द्वारा पूरे इलाके में सर्वे करवाया गया। इस सर्वे की रिपोर्ट के अलावा जल संसाधन विभाग की संस्था बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायक केंद्र (FMISC) पटना से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तीन महत्वपूर्ण योजनाएं एक साथ तैयार की गईं।
   
इनमें जयनगर में कमला नदी पर 405 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक बराज का निर्माण, कमला नदी के बायें एवं दायें तटबंधों का पहले फेज में करीब 325 करोड़ रुपये की लागत से कुल 80 किलोमीटर लंबाई में ऊँचीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं पक्कीकरण कार्य और कमला नदी के बिहार में स्थित दोनों तटबंधों को नेपाल में स्थित तटबंधों के साथ जोड़ने की योजना शामिल है।
   
जयनगर में बराज बनने से कमला नदी में नियंत्रित पानी आएगा और तटबंध सुदृढ़ हो जाने से उसके टूटने की संभावना न्यूनतम हो जाएगी। कमला नदी के तटबंध पर सड़क निर्माण कार्य को रसियारी से दोनों तरफ और 28 किलोमीटर आगे (कुल 56 किलोमीटर) बढ़ाया जाएगा।

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