#MNN@24X7 दरभंगा 3 जनवरी, हिन्दी समाहार मंच,दरभंगा की ओर से नववर्ष के अवसर पर सर्व भाषा कवि सम्मेलन का आयोजन सुन्दरपुर में अखिलेश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में किया गया।

इस अवसर पर नववर्ष की शुभकामना देते हुए अमरेश्वरी चरण सिन्हा ने कहा कि मंच उत्तरोत्तर अपने सारस्वत कार्यक्रमो से साहित्य की प्रतिनिधि संस्था के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रही है।पद्य के साथ – साथ गद्य में भी काम करने की आवश्यकता है।मुख्य अतिथि मुचकुंद मल्लिक मुकुर ने कहा कि- हमें ऐसी रचनाओ का सृजन करना चाहिए जो युवाओ का दिग्दर्शन कर सकें। अखिलेश कुमार चौधरी ने कहा कि-प्रतिकुल परिस्थित में भी तनाव न लें वल्कि सकारात्मक रहें।

सर्वभाषा कवि सम्ममेलन में इंदिरा भारती ने बज्जिका और हिन्दी की कविता सुनाते हुए कही की- नववर्ष हमारे घर आये, उत्कर्ष हमारे घर आये।महाकांत प्रसाद की व्यंग्य कविता- मौत का अरकान सुनाकर श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया।मंजर सिद्दीकी की कविता-काम जो आता है मुश्किल में,रौशन रहते है हर दिल मे सुनाकर तालिया बटोरी।

राष्ट्रीय बाल कवि डॉ सतीश चंद्र भगत की कविता – सूरज की किरणे हो उजली, उम्मीदो का वर्ष तुम्हारा, मुश्ताक एकबाल की कविता- लुटाई है मैंने जवानी गजल मे, मेरे इश्क कि है कहानी गजल में, सौम्य कुमार विभु की कविता – माॅ तू ही मेरा आज और कल, हीरा लाल सहनी की कविता – शब्द में अर्थ का व्याकरण सुनाकर वाह वाही लुटा।

अमिताभ कुमार सिन्हा की कविता- मच्छर से टकराता रहा रात भर, प्रासंगिक कविता सुनाया।कविसम्ममेलन मे रमण कुमार झा, बद्री प्रसाद शर्मा, मिथिलेश कुमार सिंह, मनोज कुमार सिंह,आशीष अकिंचन, मुचकुंद मल्लिक मुकुर,रमण कुमार झा आदि शामिल थे।

कार्यक्रम के अंत मे अखिलेश कुमार चौधरी, इंदिरा भारती एवं महाकांत प्रसाद को जन्मदिवस की शुभकामना सदस्यो ने दी।संचालन अमिताभ कुमार सिन्हा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ओंकार प्रसाद सिंह ने किया।

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