दरभंगा रंगमंचक गतिविधि भनहि मंद रहल हो मुदा जखन कखनो एतय कोनो गतिविधि भेल त’ ओ उन्नत कोटिक भेल। ‘द स्पौटलाइट थिएटर दरभंगा’ केर बैनरक नीचां करीब छः साल सं कलाकार लोकनि सक्रिय छथि। जाहि क्रम मे लोक कला आ संस्कृति केर प्रगतिक लेल बड बेसी प्रयास कयल गेल। वर्ष २०१८ सं लगातार आठ दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव अष्टदल केर आयोजन होइत आबि रहल अछि। पछिला दू वर्ष कोरोना वायरसक कारणें आयोजन नहिं भ’ सकल। एहि बेर पुनः अष्टदलक आयोजन चलि रहल अछि।
एहि क्रम मे अष्टदल केर चरिम दिन सिनेमाक नाम रहल। सिनेमा सेहो साहित्य सदृश समाजक दर्पण मात्र नहिं अपितु मार्गदर्शन आ जनजागरणक माध्यम सेहो थिक। से आइ अष्टदल केर आयोजनक चारिम सांझ साबित सेहो भेल।
आइ सांझ स्नातकोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वर नगर दरभंगा (इन्द्रभवन लग) केर प्रेक्षागृह मे
सिनेमा जन्मभूमि,ए डे विथ फोटोग्राफर,
सरदार पटेल, छोटका,चिलम चौकी,द मास्क,सजदा, बेटियां, आजादी अभी दूर है,शीलस्टिक आ प्रेजेंट आदि प्रदर्शित कयल गेल। तकरबाद सिनेमाक निर्देशक आ निर्देशक प्रतिनिधि लोकनि दर्शक लोकनिक सिनेमा सं जुड़ल जिज्ञासा शांत करबाक लेल हुनक प्रश्नक सटीक उत्तर देबाक चेष्टा केलनि।
एहि तरहे अष्टदलक चारिम दिनक कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न भेल।