दरभंगा। संगीतक अस्तित्व प्रकृति केर उत्पत्ति काल सं अछि। जहिना ईश्वर यत्र तत्र सर्वत्र विराजमान छथि तहिना संगीत सब ठाम कोनो ने कोनो रूप मे विद्यमान रहै अछि। जखन सिहकैत बसात सं गाछक पात हिलैत सरसराइत अछि ओहि सं संगीतक स्वर अकानल जा सकैत अछि। ई एकटा एहन विधा थिक जे अपन प्रभाव मे समस्त संसार मे स्थापित केने अछि। मिथिला मे त’ विशेष रूप सं संगीतक अत्यधिक महत्व डेग डेग पर देखल जा सकैत अछि। सोहर सं समदाउन धरिक बेर निर्धारित कयल गेल अछि, से नियम लोक संगीत आ शास्त्रीय संगीत दुनू मे समान रूप सं लागू होइत अछि। संगीत केर तीन विधा जखन एकत्र होइछ तखने संगीत कें सम्पूर्ण मानल जाइछ। ओ थिक गायन,वादन आ नर्तन। जखन तीनू एक संग अबैछ तखने दर्शक पर सकारात्मक प्रभाव पड़ैत छैक।
‘द स्पौटलाइट थिएटर दरभंगा’ केर तत्वाधान में आयोजित सांस्कृतिक महोत्सव अष्टदल केर छठम दिन एक सं बढि क’ एक नृत्य प्रस्तुति भेल जे क्रमशः रूपेश गुप्ता द्वारा संचालित *नृत्यार्पण नुपूर* कलाश्रम सं सृद्धिका,श्रेया,नीतू,अमन,सुप्रिया,रंजीता, शुभ्रा,
*निराला महाराज द्वारा* नृत्य केर निराला शैली, चंदना एवं राजन सिंह द्वारा संचालित *नृत्यमंजरी* के ऐशनी, सौम्या,रूपम,रूपा,संध्या,नेहा,मुस्कान, नीलू,संजना,विशाल,अमित आ आर्यन आदिक प्रस्तुति भेल।
जाहि मे दर्शक लोकनि आनन्दक रसधारा मे डुबकुरिया कटैत रहला। एकरा संगहि छठम दिनक कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न भेल। दू दिनक कार्यक्रम आब शेष रहि गेल अछि।