राजकीय महारानी रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान मोहनपुर, दरभंगा में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मोहनपुर परिसर में स्थित तालाबों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने हेतु रक्षाबंधन के अवसर पर प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद, डॉ विनय कुमार शर्मा, डॉ भानु प्रताप सिंह एवं डॉ दिनेश कुमार के द्वारा के द्वारा वृक्षारोपण किया गया। वृक्षारोपण के साथ – साथ महिला कर्मचारी अर्चना कुमारी, मीनू कुमारी, मुन्नी के साथ-साथ अनुलता भारती, अपर्णा यादव, आदित्य यादव, खुशी कुमारी ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी राजीव रौशन एवं डीडीसी अमृषा बैंस के द्वारा लगाए गए फलदार वृक्षों को राखी बांधकर रक्षाबंधन पर्व को प्राकृतिक संरक्षण के रूप में मनाया।

डीएवी, सारा मोहनपुर की छात्रा अपर्णा यादव ने इस अवसर पर कहा कि वृक्षों से हमें बहुत लगाव है। यह हमें भाई जैसे लगते हैं। वृक्ष हमारे जीवन दाता हैं। हम इनकी रक्षा करेंगे तो वृक्ष हमारे जीवन की रक्षा क पायेंगे। प्राचार्य प्रो.दिनेश्वर प्रसाद ने प्रकृति संरक्षण हेतु वृक्षों को राखी बांधने एवं उसके संरक्षण की परंपरा को बढ़ावा देते हुए यह कहां की हमें जीवन के हर पर्व, त्यौहार एवं खुशी के मौके पर निश्चित रूप से वृक्षारोपण करना चाहिए।

उन्होंने यह कहा की मत्स्य पुराण में वृक्षारोपण की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि- दस कुओं के बराबर एक बावड़ी ,दस बावड़ी के बराबर एक तालाब, दस तालाबों के बराबर एक पुत्र और दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है। परिसर में स्थित चार तालाबों को अमृतसर सरोवर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

इस पर हर्ष जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इससे कैंपस की सुंदरता के साथ-साथ औषधीय वृक्षों की संख्या में बढ़ोतरी होगी,जिससे आयुर्वेद में अनुसंधान परक कार्य का मार्ग प्रशस्त होगा। मौके पर डॉ विनय कुमार शर्मा एवं डॉ भानु प्रताप राय ने वृक्षारोपण को पुण्य कार्य बताते हुए यह कहा कि वृक्ष से ही हमारे जीवन का अस्तित्व है। ब्रह्मा जी ने सृष्टि उत्पत्ति के पूर्व सर्व प्रथम हमारे स्वास्थ्य संरक्षण हेतु वृक्षों को उत्पन्न किया था।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ दिनेश कुमार ने बताया की पुराणों में वृक्षारोपण का महत्व का वर्णन सविस्तार से किया गया है। आयुर्वेद के दो प्रयोजन- स्वस्थ मनुष्य के स्वास्थ्य रक्षा एवं रोगी मनुष्य के रोग का इलाज औषधियों से ही संभव है। अतः हमें तत्परता पूर्वक वृक्षारोपण के साथ-साथ उनका संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अशोक का पेड़ लगाने से शोक नहीं होता, बिल्व वृक्ष दीर्घायु प्रदान करता है। वट वृक्ष मोक्ष प्रदाता है। आम वृक्ष अभीष्ट कामनाप्रद है। शमी का वृक्ष रोगनाशक होता है। इस अवसर पर बिरजू कुमार, रोशन कुमार राम बृजेश राम आदि उपस्थित थे।