भाजपा के निशाने पर मूलतः मुस्लिम-दलित और महिलाएं, एकताबद्ध लड़ाई की जरूरत: नेयाज अहमद।

25 जून को आयोजित राज्य सम्मेलन को सफल बनाने का लें संकल्प: इंसाफ मंच।

गांधी के हत्यारे का राष्ट्रीय नायक के रूप में महिमामंडल देश को मंजूर नहीं: बैद्यनाथ यादव।

#MNN@24X7 दरभंगा, 18 जून, उन्माद-उत्पात की ताकतों के खिलाफ हक व इंसाफ के लिए मुस्लिमों-दलितों-महिलाओं और समाज के कमजोर तबके की व्यापक एकता के आह्वान के साथ आज इंसाफ मंच की दरभंगा जिला कमिटी की विस्तारित बैठक मिर्जापुर जिला कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला सचिव मकसूद आलम पप्पू खां ने किया।

बैठक को संबोधित करते हुए इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने कहा कि फासीवादी भाजपा के निशाने पर मूलतः देश के मुस्लिम, दलित व महिलाएं हैं. वे अब डॉ. अंबेडकर पर भी हमले कर रहे हैं. बिहार में जगह-जगह उनकी मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं. अंबेडकर की मूर्तियों पर हमला करके वे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर हमला कर रहे हैं. इन ताकतों के खिलाफ मुस्लिमों-दलितों व महिलाओं की व्यापक एकता आज समय की मांग है.

उन्होंने ने कहा कि आज मुस्लिम समुदाय देश के नए दलित बनाए जा रहे हैं. इंसाफ मंच 25 जून को पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी में तीसरा राज्य सम्मेलन आयोजित कर रहा है. देश में उन्माद-उत्पात की राजनीति व बड़े ओहदेदारों द्वारा नफ़रत फैलाने की कोशिश के खिलाफ इंसाफ मंच खड़ा है. इसका गठन नागरिकता कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दरम्यान समाज की जरूरत के अनुसार हुआ है. बिहार के विभिन्न जिलों में रामनवमी के मौके पर एकतरफा मुस्लिम समुदाय पर हमला किया गया है जो कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा.

भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि फासीवादी ताकतें शिक्षा के केंद्र पर हमले कर रही है, जिसका ताज़ा उदाहरण बिहार शरीफ के अजीजिया मदरसे पर हमले की घटना है. सासाराम और बिहारशरीफ के दंगाइयों की गिरफ़्तारी और सज़ा होनी चाहिए. महिलाओं पर हो रहे ज़ुल्म और अत्याचार के खिलाफ भी संघर्ष जारी रखना होगा.
मकसूद आलम पप्पू खां ने कहा कि बिना कुर्बानी के मंजिल नहीं मिलती है. बिना हुक़ूमत हासिल किए कुछ नहीं हो सकता है. न्यायालय में कुछ ही परिवारों का बोलबाला है. 275 सांसद ऊंची जाति के हैं. झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को साथ लाना होगा. ज़ुल्म सिर्फ मुस्लिमों पर ही नहीं सभी अकलियतों पर हो रहा है.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम, दलित और पिछड़ा वर्ग आपस में भाई – भाई हैं. यदि इनमें एकता हो जाए तो भाजपा को पीछे धकेल देंगे. नरेन्द्र मोदी कठपुतली है, इसके पीछे अडानी और अंबानी हैं. सुप्रीम कोर्ट के जज अभी भी उच्च वर्ग के ही क्यूँ ?

इस बैठक मे मौजूद प्रमुख लोगों में रंजन प्रसाद सिंह, रानी सिंह, शोभा देवी, जीनत प्रवीण, मो सगीर, मनोज पासवान, मो रिजवान आजाद, गोल्डन खां,धनराज साह, अफशाना रौशन, कुर्बान नदाफ, मो जमशेद, शनिचरी देवी, लक्ष्मण पासवान, राहुल आनंद, मो गुलाम अंसारी, मो वाहिद, अकबर बादशाह आदि शामिल थे.

इंसाफ मंच के बैठक मे लिए गए प्रस्ताव।

1. इंसाफ मंच का इस बैठक मे गुजरात जनसंहार की पीड़िता बिल्किस बानो के बलात्कारियों व उनके परिजनों के हत्यारों को रिहा व सम्मानित करने की घटना को शर्मनाक मानते हुए उन्हें अविलंब सजा देने की मांग करता है.

पीएफआइ के नाम पर एनआइए के जरिए फुलवारीशरीफ समेत पूरे बिहार में मुस्लिम समुदाय को आतंकित व बदनाम करने के अभियान की यह सम्मेलन तीखी निंदा करता है और मांग करता है कि इसे बंद किया जाए व इस आधार पर किए गए सभी फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएं.

इन दिनों फिरकापरस्त ताकतों द्वार शिक्षा के केंद्रों पर हमले और पाठ्यक्रमों के सांप्रदायीकरण का अभियान चल पड़ा है. इंसाफ मंच इसपर अविलंब रोक लगाने व गया के ऐतिहासिक सोगरा कॉलेज और अजीजिया मदरसे को नष्ट कर दिए जाने को शर्मनाक करार देते हुए इन्हें जल्द पुनर्निर्मित करने की मांग करता है

आधुनिक राष्ट्र के निर्माता बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को विरूपित और नष्ट करना संविधान विरोधी सांप्रदायिक उन्मादी ताकतों का नया अभियान है. यह उनके लोकतंत्र और देश विरोधी होने की एक और पहचान बनकर सामने आया है. इंसाफ मंच इसकी आलोचना करते हुए ऐसे मामलों में अपराधियों को अविलंब दंडित करने की मांग करता है.

धार्मिक आयोजनों के दौरान धर्मगुरुओं की ओर से सांप्रदायिक वक्तव्यों के जरिए उन्माद पैदा करने की भी सुनियोजित कोशिशें हो रही हैं. पिछले दिनों पटना के नौबतपुर में हुआ ऐसा ही एक आयोजन इसका ताज़ा उदाहरण है. इंसाफ मंच ऐसे प्रयासों पर चौतरफा रोक लगाए जाने की मांग करता है.

महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की संसद सदस्यता खत्म कर उसे गिरफ्तार करने की मांग यह सम्मेलन करता है.