दरभंगा। इस सभा की अध्यक्षता कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर रामचंद्र झा ने की.

इस अवसर पर प्रथम प्रोफेसर हेतुकर झा स्मृति व्याख्यान “मिथिला की प्राकृतिक सम्पदा” विख्यात वनस्पति शास्त्री प्रोफेसर विद्यानाथ झा ने दिया. प्रोफेसर विद्यानाथ झा ने झरकतरा (सिक्की) की वैज्ञानिक एवं आर्थिक पक्षों पर विस्तार से चर्चा की, साथ ही मखाना, मलकोका आदि विभिन्न जलीय उत्पादों पर विस्तार से प्रकाश डाला.

प्रोफेसर रामचंद्र झा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में यहाँ के विभिन्न प्राकृतिक सम्पदा के धार्मिक पक्षों को रेखांकित किया. इस अवसर पर हर महिने प्रोफेसर हेतुकर झा स्मृति व्याख्यान करने का संकल्प लिया गया और व्याख्यान शृंखला के अंत में सभी व्याख्यानों को पुस्तकाकार में प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया.

इस सभा में विचार व्यक्त करने वालों में डॉ मित्रनाथ झा, डॉ अवनीन्द्र कुमार झा, डॉ मंजर सुलेमान, डॉ सुशांत भाष्कर, श्री अमल कुमार झा,श्री नारायण जी चौधरी आदि थे.
डॉ जमील अंसारी, श्री दीपेशचन्द्र, मुरारी कुमार झा, श्री संतोष कुमार ( शोध छात्र) आदि इस सभा में उपस्थित थे.
आगत अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन कल्याणी फाउंडेशन के कार्यकारी अधिकारी श्री श्रुतिकर झा ने किया.