मेरठ, देवाधिदेव महादेव का प्रिय माह सावन कल से शुरू हो गया है।सावन में हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।भक्ति के कई रंग दिख रहे हैं। गाजियाबाद के कांवड़िया राहुल अपने बुजुर्ग दादा-दादी को तीर्थ के दर्शन कराकर श्रवण कुमार की तरह लौट रहा है। लोग उसके प्रयास की सराहना कर रहे हैं।

माता-पिता की सेवा की बात की जाए तो आज भी श्रवण कुमार का नाम सबसे ऊपर आता है। श्रावण मास में अपने माता पिता को लेकर बहुत से लोग कांवड़ यात्रा करते हैं, लेकिन मंगलवार को गाजियाबाद के असालतपुर फरुखनगर के राहुल सैनी अपने दादा-दादी को लेकर कांवड़ यात्रा करते हुए दिखाई दिए।राहुल अपने 85 वर्षीय दादा धन्नो सैनी और 80 वर्षीय दादी बलबीरी को साथ लेकर हरिद्वार से कांवड़ लेने आया।

राहुल ने बताया कि उसकी इच्छा थी कि वह दादा-दादी संग कांवड़ यात्रा करे। श्रवण कुमार ने अपने माता-पिता को यात्रा कराई थी,लेकिन उसकी दादा-दादी को यात्रा कराने की इच्छा थी। राहुल ने बताया कि वह दिन में 10 किमी. की यात्रा करता है।

राहुल सैनी ने बताया कि 20 जून को हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ में अपने दादा धन्नू औ दादी बलबीरी को लेकर पैदल यात्रा शुरू की थी। 16 जुलाई को महाशिवरात्रि पर अपने गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक करेगा। बुजुर्ग दादा-दादी से उसे बेहद प्यार है। उन्हें तीर्थ घुमाने के लिए लेकर गया था। वह बेहद खुश है।

राहुल ने बताया कि सहयोग के लिए पप्पू व हिमांशु साथ चल रहे हैं, जो कांवड़ उठाने में मदद करते हैं। कांवड़ उठाने के बाद वह अकेला ही चलता है। राहुल जैसे ही मेरठ में पहुंचा तो उसे देखने के लिए लोग जमा हो गए। उसके प्रयास की सराहना की। वहीं बुजुर्ग धन्नू और बलबीरी अपने पोते के द्वारा यात्रा कराए जाने से खुश हैं। उनका कहना है कि ईश्वर ऐसा पोता सबको दें।

(सौ स्वराज सवेरा)