केन्द्र की मोदी सरकार किसान हितैषी नहीं कम्पनी राज थोपना चाहती है–उमेश सिंह

#MNN@24X7 हसनपुर अखिल भारतीय किसान महासभा के आह्वान पर आज हसन पुर प्रखंड परिसर में गन्ना उत्पादक किसान सम्मेलन का आयोजन किया गया।

सम्मेलन का विधिवत उदघाटन करते हुए भाकपा माले सिकटा के विधायक एवं गन्ना उत्पादक सन्घ के बिहार सन्योजक वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी और कारपोरेट परस्त नीतियों की सरकार है।

उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों की समस्याओं का समाधान करने के बदले सरकार पून्जीपतियो के सामने मूक दर्शक बन गई है जबकि उन्हें निर्णायक होना चाहिए। खाद, कीट नाशक दवा, बीज एवं सिंचाई महंगी हो गई किन्तु गन्गा का दर केंद्र की मोदी सरकार नहीं बढाई।

उन्होंने किसानों से एक जुट होकर सन्गठित जनसन्घर्ष तेज करने का आह्वान किया। गन्ना उत्पादक किसानों का प्रथम सम्मेलन गन्ना का दर 500रूपये प्रति क्विंटल करने, विक्रय रशीद पर वर्तमान दर अन्कित करने, एक-दो क्विंटल प्रति ट्रैक्टर ट्रक कम तौल करने, किसानों को आपदाओं के समय अग्रिम भुगतान करने,सभी किसानों के गन्ना का बीमा करने सहित अन्य मान्गो को लेकर सम्मेलन आयोजित था।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य सचिव उमेश सिंह ने कहा कि सभी मदों में गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ और सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार ने 2016 से लेकर 2021 तक 2544.62 लाख रुपये चीनी मील प्रबन्धन को मुहैया की किन्तु चीनी मील प्रबन्धन ने किसानों को लाभ ना देकर खुद डकार गई जिसकी जांच कर कार्रवाई करने की मांग करते हैं।

सम्मेलन को जिलाध्यक्ष महावीर पोद्दार, ललन कुमार, राम चन्द्र प्रधान, सुशील कुमार सिंह, लक्ष्मी साह ने सम्बोधित किया।

सम्मेलन में 17 सदस्यीय गन्ना उत्पादक किसान सन्घर्ष समिति का चयन किया गया जिसके अध्यक्ष रामा कान्त महतो, सचिव सत्यम कुमार यादव, उपाध्यक्ष रामानन्द यादव, सह सचिव साधू यादव चुने गए हैं वहीं कमिटी में राम प्रवेश राय, रमेश राय, राम पुकार महतो, सत्यनारायण राय, कन्चन कुमार, मो सद्दाम, जगदेव प्रसाद यादव, कमल यादव चुने गए हैं।