#MNN@24X7 दरभंगा, मैथिली गीतकार एवं गायक शंभू कुमार कर्ण उर्फ शंभू सौरभ के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने मंगलवार को शोक जताया। संस्थान की ओर से शोक संवेदना व्यक्त करते हुए महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि “जगदंबा घर में दियरा बारि अइली हे…” जैसे सदाबहार मैथिली गीत के रचनाकार भरवाड़ा निवासी सुप्रसिद्ध गीतकार एवं गायक के निधन से मिथिला-मैथिली की अपूर्णीय क्षति हुई है। वे मैथिली के सदाबहार गीतों के संवेदनशील एवं स्वाभिमानी रचनाकार के रूप में हमेशा जीवंत बने रहेंगे।

मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने उन्हें मिलनसार स्वभाव वाला मिथिला-मैथिली के विकास का सच्चा हितचिंतक बताया। उन्होंने कहा कि जीवनपर्यंत मिथिला व मैथिली के हितचिंतन में लगे रहने वाले शंभू सौरभ बहुगुण संपन्न व्यक्तित्व थे। प्रो जीवकांत मिश्र ने कहा कि मैथिली गीतों के रचना क्षेत्र में दिए अपने संवेदनशील योगदान के लिए वे सदैव अमर रहेंगे।

मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि दरभंगा जिला के भरवाड़ा गांव में जन्मे शांत एवं गंभीर स्वभाव के शंभू सौरभ स्नेहिल स्वभाव के प्रतिरूप थे। अपनी रचनाओं से उन्होंने भावी पीढ़ी का यथोचित मार्गदर्शन भी किया। उनके निधन पर डा महानंद ठाकुर, डा अनिल कुमार झा, विनोद कुमार झा, प्रो विजय कांत झा, प्रो चन्द्रशेखर झा बूढ़ाभाई, दुर्गानंद झा, डा गणेश कांत झा, डा उदय कांत मिश्र, आशीष चौधरी, मनीष कुमार झा रघु, नवल किशोर झा, चौधरी फूलकुमार राय, पुरुषोत्तम वत्स, पंकज कुमार ठाकुर आदि ने भी शोक जताया।