#MNN@24X7 दरभंगा, 22 जून,दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली अभियान की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
 
बैठक में बताया गया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के अन्तर्गत 192 आहर/पोखर को जीर्णोद्धार के लिए लिया गया है, विभिन्न प्रखण्डों के द्वारा अनेक आहारों में कार्य कराये गए है, जियोटैग की कार्रवाई की जा रही है। बैठक में एक सप्ताह के अन्दर जियोटैग की कार्रवाई पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया। 
 
कुँओं का जीर्णोद्धार कार्य की समीक्षा में पाया गया कि जिला में 246 कुँओं का जीर्णोद्धार ग्राम पंचायतों द्वारा एवं 345 कुँओं का जीर्णोद्धार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण संगठन के द्वारा करवाया गया है।
 
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक पंचायत के दो कुँआ का भी जीर्णोद्धार यदि प्रतिवर्ष कराया जाता तो यह संख्या वर्ष 2019 से अबतक 1200 से अधिक हो जाती, ऐसा प्रतीत होता है कि ग्राम पंचायतों द्वारा इस महत्वपूर्ण योजना के प्रति दिलचस्पी नहीं दिखलाई जा रही है, इसके लिए सभी मुखिया जी एवं प्रखण्ड पंचायत राज पदाधिकारी से जबाव-तलब किया गया है।
 
उन्होंने सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को सभी बड़े सरकारी भवनों पर छत वर्षा जल संचयन सयंत्र (रैन वाटर हार्वेस्टिंग) तेजी से लगवाने का निर्देश दिये।
 
उन्होंने कहा कि गर्मी के महीनों में गिरते भू-जल स्तर की समस्या से उबरने के लिए भू-गर्भ जल को रिचार्ज करना बहुत ही जरूरी है और इसके लिए कुँओं का जीर्णोद्धार, सोख्ता का निर्माण एवं छत वर्षा जल संचयन संयत्र स्थापित करना अनिवार्य है।
 
उन्होंने वैसे चापाकल, जहाँ पानी का ज्यादा उपयोग होता है, वहाँ बड़े सोख्ता का निर्माण कराने का निर्देश मनरेगा के कार्यपालक अभियंता को दिये। साथ ही चालू चापाकल के समीप तेजी से सोख्ता का निर्माण करवाने के निर्देश दिये।
  
बताया गया कि मई एवं जून माह में 887 सोख्ता का निर्माण कराया गया है। बैठक में वृक्षारोपण अभियान में तेजी लाने के लिए शिक्षा विभाग, जीविका सहित अन्य विभागों को शामिल करते हुए अभियान चलाकर खाली सरकारी जमीनों पर पौधारोपण करवाने का निर्देश दिये गये।
 
उन्होंने कहा कि शोभन-एकमी बाईपास के समीप, बेनीपुर के करौर एवं अन्य स्थलों पर एक-एक सौ एकड़ से ज्यादा सरकारी भूमि उपलब्ध है, जहाँ निजी विद्यालयों, निजी संस्थाओं, विभिन्न सरकारी शिक्षण संस्थान एवं जीविका के दीदीयों के सहयोग से वृक्षारोपण अभियान चलाया जा सकता है।
 
इसके लिए वृक्षारोपण करने वाली संस्थाओं/विद्यालयों को सामाजिक वानिकी में बेहतर कार्य करने के लिए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाए।
 
उन्होंने कहा कि जल-जमाव वाले क्षेत्र में अर्जून का पेड़ लगवाया जा सकता है। वृक्षारोपण क्षेत्र में फायर बिग्रेड/लोक स्वास्थ्य अभियंत्र संगठन के वाटर टैकर से भी पानी पटवाया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रतिभा रानी को सभी हितधारकों के साथ बैठक कर कार्य योनजा बना लेने का निर्देश दिये। 
 
उन्होंने सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को अपने अंचलाधिकारी के साथ्ज्ञ बैठक कर सरकारी खाली जमीन की सूची प्राप्त कर वहाँ पहले से वृक्षारोपण हेतु गड्ढ़ा खोदवाने एवं गड्ढ़ों में कम्पोस्ट डलवाकर तैयार रखने के निर्देश दिये।
 
उन्होंने कहा कि यदि कोई किसान अपनी जमीन पर वृक्षारोपण कराना चाहता है, तो वृक्षारोपण के लिए जो सहयोग राशि दी जानी है, वह उन्हें प्रदान किया जाएगा। वे अपनी इच्छा अनुरूप पौधे का चयन कर वृक्षारोपण कर सकते हैं।
 
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े सरकारी भवनों में सौर ऊर्जा संयत्र संस्थापित करवाने के निर्देश ब्रेडा को दिये गये।
 
उन्होंने कहा कि केवटी में 560 शैय्या वाला अल्पसंख्यक छात्रावास भवन, दरभंगा शहरी क्षेत्र में बहुउद्देशीय भवन, बाढ़ पोखर में कल्याण विभाग का छात्रावास भवन, दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पावर ग्रिड का विश्राम सदन में सौर ऊर्जा संयत्र संस्थापित करवाया जाए।
 
उन्होंने शहरी क्षेत्र में सड़कों पर लगे स्ट्रीट लाइट एवं हाई मास्क लाईट का दिन में जलते रहना ऊर्जा की क्षति बताया। उप विकास आयुक्त को इसके लिए नगर आयुक्त से समन्वय कर इस समस्या का निदान करने के निर्देश दिये।
 
बैठक में मिशन 50 डेज के अन्तर्गत सभी पंचायतों में अवशिष्ट प्रसंस्करण इकाई की स्थापना 50 दिनों के अन्दर करवाने की प्रगति की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान सभी कार्यक्रम पदाधिकारी ने अपने-अपने प्रखण्ड की स्थिति से जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराया।
 
समीक्षा में पाया गया कि 75 पंचायतों में उपयुक्त जमीन नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है।
 
जिलाधिकारी ने सभी पी.ओ. को उन पंचायतों की सूची बनाकर अपने अंचलाधिकारी को उपयुक्त जमीन उपलब्ध कराने हेतु सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 10 जुलाई तक सभी पंचायतों में डब्लू.पी.यू. बन जाना चाहिए।
 
बैठक में उप निदेशक, जन सम्पर्क एन.के. गुप्ता, प्रभारी निदेशक, डी.आर.डी.ए. राहुल कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी आलोक राज एवं विभाग के संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।