#MNN@24X7 दरभंगा, नटराज डांस एकेडमी के 21 साल पूरा होने के शुभ अवसर पर नटराज डांस एकेडमी (मेन ब्रांच) मसरफ बाजार में मीडिया कांफ्रेंस रखा गया। इस अवसर पर नटराज डांस एकेडमी के वरिष्ठ नर्तक, छात्र छात्रा एवं कई नटराज के सदस्य सम्मिलित हुए। जिसमें उन्होंने अपने नटराज डांस एकेडमी से जुडी कला, संस्कृति, अनुभव एवं अपने भाव को रखा।

इसमें से कई ऐसे छात्र ,छात्रा भी थे जिन्होंने 25 वर्षों से सर के माध्यम से नृत्य सीखा रहे हैं, इस अवसर पर उनका कहना था की मैंने कई ऐसे नेशनल एवं इंटरनेशनल मंच पर प्रस्तुति दिया ,और इससे अपना नाम कमाया ,जिससे रोजगार भी प्राप्त हुआ ,जिसमें भक्ति प्रिया, चांदनी और सुहानी ड्रोलिया शामिल है । इस दौरान इनको कई परेशानी का सामना करने को मिला। घर से भी कोई सपोर्ट नहीं मिला, लेकिन इस क्षेत्र में सर से हम लोगों को बहुत सपोर्ट मिला, जिसके कारण हम लोग को इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त हुई।

उन्होंने कहा कि मोहित सर ने हम लोगों को बताया हमलोग कला के क्षेत्र में कैसे रह सकते हैं ,किस तरीके से आगे बढ़ सकते है, आज हमलोगों ने जो सफलता प्राप्त की है उसकी देन हमारे गुरु हैं,हम हमेशा अपने गुरु के आभारी रहेंगे।इस कांफ्रेंस के माध्यम से हमारे संस्था के नर्तक और नर्तकी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिसमे सुश्री भक्ति प्रिया, चांदनी गुप्ता, तन्वी कर्ण, सुहानी ड्रोलिया, हर्ष प्रिया ,रिमझिम कुमारी और प्रीति कुमारी को दिया गया ।

इस मौके पर मोहित खंडेलवाल ने अपने अनुभव को सबके बीच में रखा ,उन्होने कहा कि कला वह ध्वनि है ,जो हमारे रोम- रोम को आनंद कर देता है और हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। आज के दौर में जो हम अपना जीवन जी रहे हैं,वह बहुत तनाव भरा है। कला उस तनाव भरे जीवन को रंगीन कर चिंता मुक्त बनाने का काम करता है। कला हर व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभाता है।हर व्यक्ति के पास कोई न कोई कला होती है बस उसे पहचानने की जरूरत होती हैं । जिस तरह से कर नटराज को कला का रूप कहा जाता है और पुरान शास्त्र में भी कला का अलग महत्व बताया गया है।

उन्होंने कहा कि नृत्य को लेकर पहले के लोग का नजरिया कुछ अलग ही था। लोग इसे गलत नजर से देखते थे ।हमारे प्रयास से, हमारे कार्यक्रम से नृत्य को लेकर लोगों का नजरिया बहुत हद तक बदला है । बहुत ऐसे लोग हैं, जो नृत्य को कुछ अलग ही ढंग से प्रस्तुत करते हैं जिनकी वजह से नृत्य कला को अलग नजरिया से देखा जाता है, लेकिन हमारे प्रयास से लोगों का नजरिया बदला है ।अब लोग कला के महत्व को समझते हैं ,और उनमें कला को सीखने की जागरूकता आई हैं । मैं कई वर्षों से प्रयास करता रहा हू ,कि मिथिला की संस्कृति को आगे कैसे बढ़ाया जाय, कला का कैसे सही से विकास हो सके ,किस तरीके से हमें कला को समाज में प्रस्तुत करना चाहिए और इसमें में सफल भी हुआ हूँ ।लोग हमारे अभिनय को हमारी कला को काफी पसंद करते हैं ,और मंत्रमुग्ध हो जाते हैं यही एक सफल कलाकार की निशानी हैं ।

उन्होंने कहा कि नृत्य भगवान की देन है। यह हर कोई नहीं कर सकता ।इसके लिए बहुत साधना की जरूरत होती है । इस तप के बाद आप समाज में उभरकर आते हैं । कलाकार का कोई जाति, धर्म नहीं होता । ना तो वह पुरुष होता है और न नारी।हर व्यक्ति के जीवन में कला होना अनिवार्य है । मैं यही कहूंगा कि सभी बच्चे की अभिरुचि डॉक्टर या इंजीनियर बनने में नहीं है ।आज कई लोग ऐसे हैं जो नृत्य में अपना नाम रोशन किए हैं । जिस तरीके से आप शिक्षा को महत्व देते हैं, वैसे ही कला को भी जरूर महत्व दे ,और अपने बच्चे को शिक्षा के साथ कला भी जरूर सिखाएं। ताकि आगे चलकर बच्चे की रुचि जिस भी क्षेत्र में होगी वह उस क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगा ।उसे आगे चलकर किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने मे परेशानी नही आएगी।