रोजाना मेडिसिन ओपीडी में इलाज के लिये पहुंचते सात सौ से अधिक मरीज

मरीजों की संख्या में रोजाना दो से ढाई सौ का इजाफा

दरभंगा. 5 अप्रैल. गर्मी बढ़ते ही मौसमी बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है. इसमें डायरिया, त्वचा, लू लगना, पानी की कमी, फूड पॉइजनिंग आदि बीमारी शामिल है. मौजूदा समय में तापमान बढ़ने पर डीएमसीएच व अन्य अस्पतालों मे मौसमी बीमारी से संबंधित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ यूसी झा ने बताया कि होली के बाद मेडिसिन विभाग में इलाज कराने आये मरीजों की संख्या बढ़ी है. कहा कि पहले करीब पांच सौ मरीज रोजाना आते थे. अब करीब सात सौ मरीज रोजाना इलाज के लिये पहुंच रहे हैं. डॉ झा ने कहा कि गर्मी में होने वाली गर्मी से थकावट, लू लगना, पानी की कमी, फूड पॉइजनिंग आम बीमारियां हैं. अगर कुछ सावधानियां बरतें तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है. कहा कि गर्मी में हीट-स्ट्रोक होने की संभावना अधिक रहती है. इस दौरान शरीर का तापमान बहुत ज्यादा होता है, त्वचा रूखी और गर्म होती है, शरीर में पानी की कमी, कन्फ्यूजन, तेज या कमजोर नब्ज, छोटी-धीमी सांस, बेहोशी तक आ जाने की नौबत आ जाती है. हीट-स्ट्रोक से बचने के लिए दिन के सबसे ज्यादा गर्मी वाले समय में घर से बाहर मत निकलें. अत्यधिक मात्रा में पानी और जूस पीएं, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो. ढीले-ढाले और हल्के रंग के कपड़े पहने.

दूषित भोजन से करें परहेज
फूड पॉइजनिंग गर्मियों में आम तौर पर हो जाती है. गर्मियों में अगर खाना साफ- सुथरे माहौल में न बनाया जाए तो उसके दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है. इसके साथ ही पीने का पानी भी दूषित हो सकता है. अत्यधिक तापमान की वजह से खाने में बैक्टीरिया बहुत तेजी से पनपते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग हो जाती है. डॉ झा ने बताया कि सड़क किनारे बिकने वाले खाने-पीने के सामान भी फूड पॉइजनिंग के कारण बन सकते हैं. फूड पॉइजनिंग से बचने के लिए बाहर जाते वक्त हमेशा अपना पीने का पानी घर से ले के चलें. बाहर खुले में बिक रहे कटे हुए फल खाने से परहेज करें. गर्मी में शरीर में पानी की कमी से बचने के और शरीर में पानी की मात्रा को पर्याप्त बनाए रखने के लिए अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ पिएं. खास तौर खेल- कूद की गतिविधियों के दौरान इस बात का ध्यान रखें. प्यास लगने का इंतजार न करें. हमेशा घर में बना हुआ नींबू पानी और ओआरएस का घोल आस-पास ही रखें.

बच्चों पर रखें विशेष नजर
डॉ झा ने कहा कि वर्तमान समय में मौसम मे बदलाव के कारण रोगियों की संख्या अधिक हुई है. इसमें बच्चे व बुजुर्ग भी शामिल हैं. बताया कि सुबह में अभी भी ठंड का अनुभव होता है. इसलिये बच्चों व बुजुर्गों के पोषाक पर विशेष ध्यान रखें. अत्यधिक जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें. छाता का प्रयोग करें. हमेशा पूरे शरीर को ढकने वाला कपड़ा पहनें. बाहरी दूषित खान पान से परहेज करें. पानी अधिक पीएं. घर का खाना खाएं. बासी खाना नहीं खाएं. होटल व रेस्टोरेंट के खाने से बचें. इस प्रकार अन्य सावधानी बरत कर हम गर्मी मे होने वाले आम बिमारियों से बचाव कर सकते हैं.