यह अन्तरराष्ट्रीय सम्मान 27–29 जुलाई को नई दिल्ली में दिया जायेगा।

-इन्टरनॅशनल यूथ कांफ्रेंस 2023 में भाग लेंगे दुनिया भर से 25-30 देशों के डेलीगेट्स।

#MNN@24X7 दरभंगा, वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी) और फ़्रीडम स्टडीज़ रिसर्च सेन्टर (एफ़एसआरसी) के संस्थापक व लेखक डॉ. जावैद अब्दुल्लाह को शान्ति शोधकर्ता (पीस रिसर्चर) एवं युवा शान्ति दार्शनिक के रूप में डॉ. कलाम लीडरशिप अवार्ड 2023 के लिये दरभंगा से चयनित किया गया है।

डॉ.अब्दुल्लाह की पीस रिसर्च प्रो.योहान गाल्तुंग (नॉर्वे) की शान्ति एवं हिंसा की अवधारणा पर है। अकादमिक जगत में पूर्णतः योहान गालतुंग के विचारों पर यह हिन्दी में भारत का पहला शोध-प्रबन्ध है। प्रो.योहान गाल्तुंग फ़ादर ऑफ़ पीस स्टडीज़ कहे जाते हैं। डॉ.अब्दुल्लाह की पीएचडी उपाधि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दर्शन एवं धर्म विभाग से प्रो. ज्योत्स्ना श्रीवास्तव के पर्वेक्षण में 2022 में मिली है।

साथ ही यह (डॉ. कलाम लीडरशिप अवार्ड) सम्मान डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के विजन “क्रिएटिंग अ लिवेबल प्लेनेट अर्थ” की चिन्ताओं के सन्दर्भ में डॉ. अब्दुल्लाह को ग्लोबल डेमोक्रेसी तथा पृथ्वी अधिकार के विमर्शात्मक लेखन और उसे धरातल पर उतारने के ठोस प्रयास के लिये दिया जा रहा है। इसकी सूचना 21 जून की सुबह को ख़्वाब फ़ाउंडेशन के चेयरमैन मुन्ना कुमार ने फ़ोन करके दी । मुन्ना कुमार ने डॉ. जावैद से कहा कि हम लगातार आपके काम को देख रहे हैं। आप दिल्ली इन्टरनॅशनल यूथ कांफ्रेंस में आयें ताकि जो आपके काम और विचार हैं उसका सन्देश अन्य युवाओं में जायें, पॉलिसी मेकिंग में जाये।

यह सम्मान ख़्वाब फ़ाउंडेशन और एपीजे अब्दुल कलाम इन्टरनेशनल फ़ाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. कलाम साहब की पुण्यतिथि के अवसर पर इन्टरनेशनल यूथ कॉन्फ्रेंस में दिया जाता है। ख़्वाब फ़ाउंडेशन विशेषकर बिहार के ज़िलों, देश के राज्यों और अन्य देशों से आये डेलीगेट्स को विभिन्न क्षेत्रों में 2016 हर साल यह प्रतिष्ठित पुरस्कार देती आ रही है। इस सम्मान के लिये चुने जाने पर डॉ. जावैद ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिये ख़्वाब लगातार काम कर रही है।

बतातें चलें कि ख़्वाब के फ़ाउंडर मुन्ना कुमार ने 2013 में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से पटना (विधान सभा भवन) में मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों को बेहतर बनाने के लिये ‘नेचुरल ऑपेरेटिंग सिस्टम’ की योजना प्रस्तुत की थी जिसे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने बेहद सराहा था, और कहा कि जब भी मैं बिहार आऊँगा उनके गाँव (मोतीहारी, पूर्वी चम्पारण) अवश्य आऊँगा। किन्तु दो वर्ष बाद ही डॉ.कलाम साहब का 27 जुलाई 2015 निधन हो गया। तब से मुन्ना कुमार डॉ.कलाम के सपनों का भारत बनाने पर कार्य कर रहे हैं।

ज्ञातव्य हो कि अन्तरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के इस सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ.कलाम के सुपौत्र (भाई के पोते) एवं उद्दमकर्ता एपीजेएमजे शैख़ सलीम, असम से डॉ. अर्चना भट्टाचार्य, शिक्षाविद कृषि अर्थशास्त्री और अरुणाचल प्रदेश से राजीव गाँधी विश्वविद्यालय के वाईस चांसेलर प्रो. साकेत कुशवाहा एवं गाँधीयन सुब्रो राय आदि के साथ 25-30 देशों के डेलीगेट्स शामिल होंगे। डॉ.जावैद अब्दुल्लाह तीन किताबों के लेखक विचारक होने के साथ-साथ पृथ्वी अधिकार कर्ता हैं। उनकी आगामी किताब ‘गाल्तुंग के गाँधी’ देश में जैन पाण्डुलिपियों की प्रसिद्ध लाइब्रेरी ‘प्राकृत भारती अकादमी’ से जल्द प्रकाशित होने वाली है ।

इस अवसर पर डब्ल्यूएनडी सदस्या आतिका महजबीं, सदस्य डॉ. आशुतोष व्यास (नई दिल्ली), जितेन्द्र कुमार (मिर्ज़ापुर, यूपी) धर्मेन्द्र शर्मा (आईआईटी बीएचयू), डीपीएस (औंसी बाज़ार, ज़ीरो माईल) निदेशक फ़ज़ले हक़, एमएलएसएम कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य प्रो. विद्यानाथ झा एवं परिवार के लोगों ने मुबारकबाद दी।