जीविका दीदियों ने ज्ञान रूपी दीप जलाकर शिक्षा से गरीबी के निवारण का लिया संकल्प

शिक्षा से दूर होगी गरीबी।

#MNN@24X7 दरभंगा, जीविका परियोजना द्वारा बिहार के सभी जिलों के अन्तर्गत 100 प्रखण्डों में सामुदायिक पुस्तकालय-सह-केरियर विकास केन्द्रों (CLCDC) में इस दिवाली को दीया जलाकर ज्ञानदीपोत्सव 2.O के रूप  में मनाया।

इस अवसर पर दरभंगा जिला अन्तर्गत जीविका द्वारा संचालित कुल चार सामुदायिक पुस्तकालय-सह-केरियर विकास केन्द्रों (CLCDC) में अध्ययनरत शिक्षार्थियों और जीविका दीदियों द्वारा अपने गाँवों के हर घर में पुस्तकालय के माध्यम से ज्ञान रूपी दीप जलाकर शिक्षा से गरीबी के निवारण का संकल्प लिया।

साथ ही शिक्षार्थियों के बीच इस अवसर पर शिक्षा से गरीबी निवारण, बालिका शिक्षा, बाल मजदूरी/बाल विवाह/दहेज प्रथा का उन्मूलन आदि, शराबबंदी, वोटर जागरूकता, किशोर व युवा सशक्तिकरण आदि थीम पर रंगोली, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लिखाई, कचरा (Waste) से आर्ट एंड क्रॉफ्ट निर्माण, क्विज सहित “पीढ़ीगत गरीबी को तोड़ने का शिक्षा एक अचूक हथियार है” विषय पर वाद-विवाद जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।

जिला परियोजना प्रबंधक डॉ. ऋचा गार्गी ने सभी को दीपावली की शुभकामनायें देते हुए कहा की शिक्षा ही वो माध्यम है, जिसके जरिये जीवन के अँधेरे को दूर किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक पुस्तकालय के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षर्थियों को भी शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।

संचार प्रबंधक राजा सागर ने जानकारी देते हुए बताया कि दरभंगा जिला के चार प्रखण्ड यथा – जाले, अलीनगर, तारडीह एवं मनीगाछी में सामुदायिक पुस्तकालय-सह-केरियर विकास केन्द्र संचालित किया जा रहा है, जहाँ 800 से अधिक शिक्षार्थियों ने अपना निबंधन करवाया है और अपनी समय की सुविधा अनुसार अध्ययन करने आते हैं।

सामुदायिक पुस्तकालय के विशेषताएँ एवं उपलब्ध सेवाएँ:

● 100 सामुदायिक पुस्तकालय-सह-केरियर विकास केन्द्र में एक लाख से अधिक किशोर व युवा शिक्षार्थियों का जुड़ाव हो चुका है, जिसमें 63 प्रतिशत लड़कियाँ है।

● दैनिक रूप से पुस्तकालय में 60 से 80 शिक्षार्थियों का आगमन होता है।

● पुस्तकालय की समयावधि सप्ताह के सातों दिन दैनिक रूप से सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक(8 घंटे) है।

● प्रत्येक पुस्तकालय में शिक्षार्थियों को नि:शुल्क  क्यूबिकल स्वाध्याय कक्ष + भौतिक पुस्तकालय (800 से 1000) किताबे + डिजिटल पुस्तकालय (कंप्यूटर+वाईफाई+प्रोजेक्टर) +न्यूजपेपर + पत्रिकाएं) उपलब्ध कराई जाती  है।

● पुस्तकालय में रोजाना ग्रुप क्विज और चर्चा, साप्ताहिक टेस्ट, प्रवेश एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु मार्ग-दर्शन किया जा रहा है। सफल अभ्यर्थियों और विशेषज्ञों द्वारा 10वीं एवं 12वीं के बाद विभिन्न केरियर विकल्पों की जानकारी और तैयारी हेतु मार्ग-दर्शन किया जाता है।

विचारणीय है कि पीढ़ीगत ग़रीबी के दुश्चक्र को तोड़ने का शिक्षा एक अचूक साधन है।

जीविका परियोजना द्वारा सामुदायिक पुस्तकालय की अभिनव पहल के माध्यम से महिलाओं की अगुवाई वाले स्वयं सहायता समूहों और ग्राम संगठनों  से गठित संकुल स्तरीय संघ द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में पुस्तकालय-सह-स्वाध्याय संस्कृति को बढ़ावा देने एवं जनांकिकीय लाभांश के सकारात्मक रूप से फलीभूतिकरण हेतु संचालित सी.एल.सी.डी.सी. के सौजन्य से विभिन्न शैक्षणिक, कौशल विकास, उद्यमिता एवं केरियर समउत्थान सेवाओं एवं कार्यक्रमों की पहुँच समतापूर्वक व समावेसित रूप से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत वंचित मगर आकांक्षी परिवारों के शिक्षार्थियों विशेषकर लड़कियों, युवाओं व प्रथम पीढ़ी के अध्येताओं तक सुनिश्चित करने का लक्ष्य परिकल्पित है।

सी.एल.सी.डी.सी का स्वामित्व, रखरखाव, संचालन एवं प्रबंधन संकुल स्तरीय संघ के द्वारा किया जा रहा है। सी.एल.सी.डी.सी के सौजन्य से क्रियान्वित विभिन्न कार्यक्रमों व सेवाओं के दैनिक सुचारु संचालन, समन्वयन और रखरखाव के लिए सभी 100 पर एक जीविका दीदी को विद्या-दीदी (लाइब्रेरियन दीदी) के द्वारा किया जाता है।