-10  अगस्त से जिले के सभी प्रखंडों में खिलाई जाएगी डीईसी व अल्बेंडाजोल की खुराक।

-राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2027 तक जिले से फालेरिया का करना है उन्मूलन।

#MNN@24X7 मधुबनी, 17 जुलाई। फाइलेरिया एक कृमि के द्वारा होने वाली बीमारी है। जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाला एक गंभीर संक्रामक बीमारी है। इसलिए अपने घरों के आसपास साफ सफाई रखना आवश्यक है। फालेरिया को आमतौर पर हाथीपांव (लिम्फोडिमा) भी कहा जाता है। कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है। फाइलेरिया के प्रमुख लक्षण हाथ और पैर या हाइड्रोसील (अण्डकोष) में सूजन का होना होता है। फाइलेरिया से बचाव व आगामी एमडीए राउंड के लिए जिले के सभी 45 वार्डों में कचरा वाहन के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने बताया फाइलेरिया दो तरह के होते हैं। जिसका पैर, हाथ या अन्य कोई अंग फूल गया तो उन्हें लिम्फोडिमा कहते हैं। वहीं  पुरुषों में हाइड्रोसील बढ़ना भी इस बीमारी का प्रमुख लक्षण है। फाइलेरिया बीमारी का संक्रमण आमतौर पर बचपन में होता है लेकिन उसका लक्षण 6 से 7 वर्ष के उपरांत दिखाई देता। फाइलेरिया से बचाव के लिए आगामी 10 अगस्त से पूरे जिले के सभी प्रखंडों में सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। जिसमें 2 वर्ष से ऊपर के लोगों को उम्र के हिसाब से दवा खिलाई जाएगी।

जिले में 1400 से अधिक फाइलेरिया मरीज चिह्वित:

जिले में बड़ी आबादी फाइलेरिया के ख़तरे में हैं। इससे बचाव का एमडीए (सर्वजन दवा वितरण) ही एक मात्र उपाय है। फाइलेरिया के परजीवी किसी के भी शरीर में मौजूद रह सकते हैं। मधुबनी जिले में केंद्र सरकार के सहयोग से दो बार वर्ष 2016 और 2019 में टीएएस ( ट्रांसमिशन एसेसमेंट सर्वे ) का आयोजन किया गया लेकिन दोनों बार मधुबनी जिला फेल हो गया। यानी संक्रमण अभी भी चल रहा है। इस कारण प्रत्येक वर्ष सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। वर्तमान में मधुबनी में 1400 सौ से अधिक फायलेरिया मरीज चिह्नित किया गया है। जिन्हें लिम्फोडिमा और हाइड्रोसील की समस्या है।

10 अगस्त से जिले में खिलाई जाएगी दवा:

फाइलेरिया उन्मूलन सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम के तहत 10 अगस्त से दवा खिलाई जाएगी। जिसमें 02 वर्ष से 05 वर्ष के बच्चों को डीईसी तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली, 06 वर्ष से 14 वर्ष तक के लोगों को डीईसी की दो तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को डीईसी की तीन तथा अल्बेंडाजोल की एक गोली खिलाई जाएगी। लोगों द्वारा अल्बेंडाजोल का सेवन आशा की उपस्थिति में चबाकर किया जाना है। 02 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं को कोई दवा नहीं खिलायी  जानी है। कार्यक्रम में छूटे हुए घरों में आशा कर्मियों द्वारा पुनः भ्रमण कर दवा खिलाई जाएगी। खाली पेट दवा का सेवन नहीं किया जाना है। दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खाना जरूरी है। अल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खाई जानी है।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की रणनीति :

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार के द्वारा वर्ष 2030 तक का लक्ष्य निर्धारित किया गया है । वहीं राज्य सरकार के द्वारा वर्ष 2027 तक उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए प्रतिवर्ष सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम के तहत 2 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा खिलाई जाती है। जिसमें आम लोगों को जागरूक होना होगा। तभी अभियान को सफल बनाया जा सकता और हमारा समाज फाइलेरिया से मुक्त हो सकता है।