#MNN@24X7 दरभंगा, 16 जून, दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी दरभंगा राजीव रौशन की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन के तहत संभावित बाढ़ से निपटने को लेकर की जा रही तैयारी की समीक्षा बैठक की गई।
  
बैठक में वरीय उप समाहर्त्ता प्रभारी जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी सत्यम सहाय ने बताया कि सभी अंचलों में वर्षा मापक यंत्र कार्यरत है, सूखा राहत सामग्री का दर निर्धारण कर लिया गया है, जिले में कुल 42 हजार 917 पॉलिथीन शीट्स उपलब्ध हैं।
   
समीक्षा के क्रम में पता चला कि कई अंचलों के पास पॉलीथिन शीट्स की उपलब्धता अपेक्षाकृत कम है।

जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अंचलाधिकारियों को एक-एक हजार पॉलिथीन शीट्स रखने के निर्देश दिए।  दरभंगा में 13 स्थलों पर बाढ़ आश्रय भवन का निर्माण करवाया जा रहा है, श्री सहाय ने बताया कि 04 स्थलों के भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है,शेष में निर्माण कार्य जारी है,इसके अतिरिक्त बाढ़ राहत शिविर के लिए 411 भवन एवं सामुदायिक किचन के लिए 541 भवन चिन्हित हैं। उन भवनों में से कई भवनों के समीप के चापाकलों की मरम्मति के लिए पीएचईडी को सूची दी गई है।
    
जिलाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को यथाशीघ्र इन चापाकलों की मरम्मति करा देने के निर्देश दिए।
     
सत्यम सहाय ने बताया कि जिला स्तर पर जिला आपातकालीन संचालन केंद्र-सह-जिला नियंत्रण कक्ष 24 x 7 घंटे कार्यरत है, जिसका दूरभाष संख्या-06272-245055 है।
     
जिलाधिकारी ने इस नंबर का प्रचार-प्रसार करवाने के निर्देश जिला जन संपर्क पदाधिकारी को दिए, साथ ही दोनों अपर समाहर्ता एवं अनुमंडल पदाधिकारी को समय-समय पर नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण करते रहने के निर्देश दिए।
     
उल्लेखनीय है कि बाढ़ एवं सूखाड़ से संबंधित सभी प्रकार की सूचना उक्त नंबर पर कोई भी व्यक्ति दे सकता है।
     
बाढ़ के दौरान बाढ़ प्रभावित परिवारों को जीआर की राशि का भुगतान स-समय करने हेतु सम्पूर्ति पोर्टल पर 08 लाख 09 हजार 777 लोगों का डाटा अपलोड किया गया है, जिनमें से 07 लाख 79 हजार 682 लोगों का आधार सत्यापित किया गया है।
     
बैठक में सत्यम सहाय ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति का आधार सत्यापित नहीं हो पा रहा है तो उस परिवार के अन्य सदस्य की डाटा आधार के साथ अपलोड कराया जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि पंचायतवार लाभुकों का डाटा का सत्यापन कराकर प्रखंड स्तरीय अनुश्रवण समिति से अनुमोदित कराते हुए सभी अंचलाधिकारी अपने अंचल के डाटा को जिला आपदा शाखा में भेजना सुनिश्चित करेंगे।
     
बिरौल एवं सिंहवाड़ा अंचल के डाटा अद्यतन नहीं रहने के कारण दोनों अंचलाधिकारी से कारणपृक्षा की गई है, साथ ही चेतावनी देते हुए 25 जून तक सभी अंचलाधिकारीयों को अपने डाटा शत प्रतिशत अद्यतन कर लेने के निर्देश दिए गए।
     
बताया गया कि 550 निजी नाव एवं 172 सरकारी नाव उपलब्ध है। सभी नाव का पंजीकरण अंचलवार शिविर लगाकर यथाशीघ्र करने हेतु जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिए गए।
      
जिलाधिकारी ने कहा कि नाव की गहनी करा ली जाए, साथ ही  नाव वहन क्षमता अधिकतम सवारी की संख्या अंकित करा दी जाए। सभी नाव पर लाल झंडा लगा रहेगा, अधिक यात्री वाले घाटो पर चौकीदार की प्रतिनियुक्ति रहेगी।
      
साथ ही नाव में खाली गैलन,हवाभरा हुआ ट्यूब,बड़ी नाव में लाइफ जैकेट की व्यवस्था रहेगी ताकि आवश्यकता पड़ने पर इनका उपयोग किया जा सके।
       
नौका परिचालन के लिए जारी संशोधित नौका परिचालन नियम के अनुसार ही नौका का परिचालन कराई जाएगी, इसके साथ ही प्रशिक्षित नाविक रखे जाएंगे, ये सभी निर्देश अंचलाधिकारी को सुनिश्चित कराना है, अन्यथा नाव दुर्घटना के लिए संबंधित अंचलाधिकारी एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी जिम्मेवार माने जाएंगे।
       
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता को सभी खराब चापाकल की शीघ्र मरम्मति कराने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन पंचायतों में भू-जल स्तर 20 फीट से नीचे चला गया है, वहां सर्वे करा लिया जाए यदि पानी की आवश्यकता है तो टैंकर से पीएचईडी द्वारा पहुंचाया जाए।
       
तटबंध सुरक्षा से संबंधित सभी बाढ़ नियंत्रण डिवीजन के कार्यपालक अभियंता को तटबंध की निगरानी करवाने एवं कटाव निरोधक कार्य संपन्न करा लेने तथा आकस्मिक स्थिति के लिए बालू भरे बैग चिन्हित स्थलों पर रखने के निर्देश दिए।
       
जिलाधिकारी ने ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के अपनी सभी सड़कों के पुल पुलिया के भेण्ट की सफाई करवा लेने के निर्देश दिए गए, उन्होंने कहा कि इससे सड़क टूटने की एवं जल जमाव की समस्या नहीं होगी। इसके लिए सभी अंचलाधिकारी को अपने थानाध्यक्ष के साथ सभी सड़कों के पुल, पुलिया का मुआयना कर लेने का निर्देश दिया गया।
       
उन्होंने कहा कि यदि कहीं कोई पुलिया जाम मिलता है तो इसकी सूचना जिला आपदा शाखा को उपलब्ध करा दें, इसे अभियान चलाकर शत-प्रतिशत भेण्ट की सफाई करा दे।
       
सिविल सर्जन डॉ.अनिल कुमार ने बताया कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सोडियम फ्लोराइड की दवा अत्यधिक संख्या में है, जबकि किसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बहुत कम संख्या में है,इसी प्रकार की असमानता जिंक सल्फेट की टेबलेट में पाया गया।
       
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन एवं डीपीएम को निर्देश दिए कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यकता का आकलन करते हुए विवेकपूर्ण ढंग से दवाओं का वितरण सुनिश्चित करें।
       
बिजली विभाग को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में लटके तार, झुके पोल इत्यादि को दुरुस्त कर लेने का निर्देश दिया गया, ताकि बाढ़ के दौरान पानी में बिजली की धारा प्रवाहित न हो सके।
       
सभी थाना एवं अंचल को बाढ़ के दौरान अपने अभिलेख सुरक्षित रखने हेतु स्थान चिन्हित कर लेने तथा एफसीआई एवं एसएफसी को अपने वैकल्पिक गोदाम की व्यवस्था कर लेने के निर्देश दिए गए।
       
बैठक में नगर आयुक्त कुमार गौरव, अपर समाहर्ता सह अपर जिला दंडाधिकारी राजेश झा राजा, जिला अनुमंडल लोक शिकायत पदाधिकारी अनिल कुमार, उप निदेशक जन संपर्क एनके गुप्ता एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।