आयोग ने बाल गृह और पर्यवेक्षण गृह का किया निरीक्षण।

#MNN@24X7 दरभंगा, 27 जून, दरभंगा समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सभागार में बिहार बाल अधिकार संरक्षण के सदस्य सुनन्दा पांडेय की अध्यक्षता में बाल कल्याण व बाल अधिकार संरक्षण को लेकर संबंधित विभाग के साथ साथ किशोर न्याय परिषद, बाल कल्याण समिति,सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी के साथ बैठक आयोजित की गई।
 
बैठक में सर्व प्रथम जिला बाल संरक्षण इकाई दरभंगा के कार्यों की समीक्षा की गई, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई नेहा नूपुर ने बताया कि परवरिश योजना के अंतर्गत अनाथ एवं बेसहारा श्रेणी के 51, कुष्ठरोग पीड़ित के 57 एवं एचआईवी पीड़ित अभिभावकों के 555 कुल 663 बच्चों को वर्तमान में लाभ दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत 18 वर्ष की उम्र तक प्रत्येक माह 1000 रुपये डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। अभी तक 1038 लाभुकों को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है।       
स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत वर्तमान में 41 बच्चों को लाभ दिया जा रहा है, इस योजना के अंतर्गत विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा, असाध्य रोग से पीड़ित माता- पिता, सजायाफ्ता माता-पिता के बच्चों एवं अनाथ बच्चों को उनके भरण-पोषण एवं शिक्षण के लिए 4000 रुपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। यह लाभ 18 वर्ष के उम्र तक दी जाती है।
 
फोस्टर केयर के अंतर्गत बालगृह में सात बालक हैं, जिनमें 06 बालक विशेष इकाई से हैं, बच्चों का विज्ञापन प्रकाशित कराया गया है।
  
पर्यवेक्षण गृह एवं बाल गृह में रह रहे बच्चों को पेंटिंग, योगा, आर्ट ऑफ लिविंग, सिलाई कटाई, बिजली उपकरणों की मरम्मति का प्रशिक्षण दिलवाया गया है।
  
मंत्री समाज कल्याण विभाग, बिहार सरकार मदन सहनी के गरिमामयी उपस्थिति में 15 नवंबर 2022 बाल दिवस के अवसर पर बाल गृह एवं पर्यवेक्षण गृह के बच्चों के बीच पेंटिंग, क्राफ्ट प्रदर्शनी का आयोजन करवाया गया तथा सफल बच्चों को मंत्री महोदय के कर कमलों से पुरस्कार दिलवाया गया।
  
बच्चों को 2022 में संजय गाँधी उद्यान तथा 2023 में दरभंगा तारामंडल का भ्रमण कराया गया है।
  
दत्तक ग्रहण संस्थान में एक बच्ची आवासित है, जिसे अमेरिका के एक दंपति ने सुरक्षित कराया हुआ है।
   
बैठक में किशोर न्याय परिषद एवं बाल कल्याण समिति के मामलों की समीक्षा की गई तथा लंबित मामलों को तेजी से निपटाने के निर्देश दिए गए।
   
श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी,सदर मोहन कुमार द्वारा बताया गया कि जिले में उनके 02 धावा दल द्वारा लगातार रेस्टोरेंट, ढाबा एवं मोटर गैरेज में छापामारी की जा रही है।
   
22 बच्चों को बाल श्रम से भी विमुक्त कराया गया है, 09 नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, 19 बच्चों को, जो 18 वर्ष से नीचे के हैं, को श्रम विभाग द्वारा 3000 रुपये तत्काल राहत के रूप में तथा मुख्यमंत्री राहत कोष से 25 हजार रुपये  की दर से कुल 28-28 हजार रुपये की सहायता राशि पुनर्वास के लिए उपलब्ध कराई गई है।
   
डीपीओ शिक्षा विभाग ने बताया कि आरटीआई के तहत जिले में 09 हजार बच्चों का निजी विद्यालयों में एडमिशन करवाया गया है।
   
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस डॉ. रश्मि वर्मा ने अपने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं के संबंध में जानकारी दी।
   
यूनिसेफ के बाल संरक्षण पदाधिकारी गार्गी साह ने सीएनसीपी एवं सीसीएल के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
   
पुलिस उपाधीक्षक नगर अमित कुमार ने मझगमा से संबंधित मामले पर प्रकाश डाला।
          
डीएसपी मुख्यालय इरफान अजहर ने सीडब्ल्यूपीओ के कार्यों के संबंध में जानकारी दी।
   
बाल संरक्षण आयोग के प्रशासी पदाधिकारी प्रशांत मिश्रा, सचिव इंद्रवीर कुमार ने आयोग के आगमन के उद्देश्य से सभी को अवगत कराया।
    
सदस्य सुनंदा पांडेय ने कहा कि आज की समीक्षा बैठक का मूल उद्देश्य है बाल कल्याण तथा बाल अधिकार संरक्षण के लिए काम करने वाले सभी विभाग व संस्थाओं को एक प्लेटफार्म पर लाना, उनकी समस्या को सुनना और वे सभी आपस में समन्वय स्थापित कर बच्चों के उत्थान के लिए बेहतर काम कर सके। उन्होंने संस्थाओं को एक-दूसरे में कमी न निकालने तथा समन्वय स्थापित कर कार्य करने का निर्देश दिए।
   
बैठक के पूर्व आयोग द्वारा समाचार पत्र में भालपट्टी ओ पी अंतर्गत मझियामा गाँव से संबंधित प्रकाशित खबर के संदर्भ मे एक महिला की हत्या तथा 5 बच्चों के अनाथ होने की घटना स्थल पर बच्चों से भेंट कर उनकी स्थिति का जायजा लिया गया। 5 बच्चों में से 2 बच्चों को समाज कल्याण विभाग की परवरिश योजना से जोड़ा जा रहा। आयोग ने उक्त दोनों बच्चों का कस्तुरबा विद्यालय में नामांकन कराने का निर्देश दिया।
  
बैठक में उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, सभी थाना के बालकल्याण पुलिस पदाधिकारी, किशोर न्याय परिषद के माननीय सदस्य, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यगण उपस्थित थे।
      
समीक्षा बैठक के पश्चात आयोग की टीम ने दरभंगा बाल गृह और पर्यवेक्षण गृह का निरीक्षण किया। बाल गृह में 17 बच्चे आवासीत पाए गए जिनमें 6 बच्चे विशेष इकाई के थे। बच्चों ने आयोग के लिए स्वागत गान सुनाया और अपनी पेंटिंग भी दिखलाई। पर्यवेक्षण गृह मे कुल 117 बच्चे आवासित पाए गए जिनमें दरभंगा के 28, मधुबनी के  41 तथा समस्तीपुर के  48 बच्चे हैं। निरीक्षण के समय कुछ बच्चे हारमोनियम बजा रहे थे तो कुछ पढाई कर रहे थे।