#MNN@24X7 दरभंगा, चार्जशीटेड उप मुख्यमंत्री के इस्तीफे, बिहार के युवकों को नौकरी के नाम पर ठगने, शिक्षकों के लिए निर्मित नई नियमावली आदि के विरोध में पटना में गुरुवार को भाजपा की ओर से निकाले गए शांतिपूर्ण मार्च में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर बिहार सरकार की पुलिस की ओर से जिस तरह दमन किया गया यह बिहार सरकार की ओर से लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत हुआ है।

पटना में पुलिसिया दमन के विरुद्ध मीडिया को संबोधित करते हुए नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि बिहार सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार की है । पुलिस की ओर से बर्बरता पूर्ण दमन की कार्यवाही में भाजपा कार्यकर्ता की मौत हुई है दर्जनों भाजपा नेता घायल हुए हैं जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

सरावगी ने आक्रोशित मुद्रा में कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर बिहार सरकार की ओर से किए गए अत्याचार का जवाब बिहार की जनता नीतीश कुमार से समय आने पर मांगेगी और परिणाम का पता महागठबंधन को चल जाएगा। महिला कार्यकर्ताओं को पुलिस से पिटवाया गया है। शांतिपूर्ण मार्च में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं को बेवजह पटना में दौरा दौरा कर पुलिस की ओर से पीटा गया। भाजपा कार्यकर्ता की मौत भी हुई और भाजपा के शीर्ष नेता पुलिसिया दमन के शिकार भी हुए हैं। कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए। लाठियां तो इतनी चटकाई गई की पुरुष और महिला कार्यकर्ता हजारों की संख्या में घायल हुए हैं। महिला मोर्चा की महामंत्री मीना झा भी घायल होकर अस्पताल में अपना इलाज करवा रही हैं।

नगर विधायक सरावगी ने कहा कि आज सरकार की ओर से दरभंगा ही नहीं पूरे प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों के निरीक्षण के नाम पर एक भय पूर्ण वातावरण का निर्माण किया गया है ।ऐसे माहौल में प्रदेश के स्कूलों में शिक्षक एवं शिक्षिकाएं एक अजीब भयपूर्ण माहौल में अपना शिक्षण कार्य कर रहे हैं जो सर्वथा अनुचित है। शिक्षक सदैव सम्मान के भागी रहे हैं और उन्हें पर्याप्त सम्मान मिलना चाहिए।