#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिला लेखक मंच के तत्वावधान में मैथिली साहित्य परिषद दरभंगा में एक सम्मान समारोह रामभरोस कापड़ि भ्रमर का किया गया, जो नेपाल की वरिष्ठ साहित्यकार हैं। उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया गया। इसके संपादक प्रॉमिस मिश्रा और चंद्रेश हैं।

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए प्रोफेसर उदय शंकर मिश्र ने कहा कि जनकपुर आज मधेश राज्य है। उसका नामकरण इतिहास और शास्त्र में दर्ज है, तिरहुत देश व मिथिला देश। लेकिन आज वह मधेश राज्य बनकर रह गया। वहां भी मैथिली और मिथिला का सम्मान नहीं है। साथ ही भारत में मिथिला राज्य नहीं है बिहार राज्य और मिथिला राज्य न बने इसमें तमाम राजनीतिक दल इसके विरोधी है।अब समय आ गया है कि हम लोगों को मधेश राज्य और बिहार राज्य जो मिथिला के लिए गली है उससे मुक्ति पाए और मिथिला राज्य की स्थापना अपने-अपने देश में संवैधानिक आधार पर भारत और नेपाल में करें। मिथिला राष्ट्र था देश था जहां राजा जनक की सुपुत्री सीता का विवाह भगवान राम अयोध्या के राजा के राजकुमार से हुआ था आज भारत और नेपाल के अंतर्गत एक संवैधानिक राज्य हमें नहीं मिल पा रहा है इसके लिए संघर्ष की आवश्यकता है।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ भीमनाथ झा ने की और संचालन वरिष्ठ साहित्यकार संयोजक मिथिला लेखक मंच श्री चंद्रेश ने किया।

इस अवसर पर रामभरोस कापड़ि भ्रमर अपने सम्मान के लिए मिथिला लेखक मंच के प्रति आभार व्यक्त किया और चंद्रेश जी का आभार व्यक्त किया जो उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर उन्होंने पुस्तक का समर्पण किया और इसका विमोचन करवाया।

इस अवसर पर डॉक्टर भीमनाथ झा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि मैथिली में पिछले 60 वर्षों से अपनी लेखनी चला रहे हैं भ्रमर जी और यह मैथिली साहित्य की सेवा में संलग्न है मेरी दिल्ली इच्छा है की यह 100 से ऊपर पुस्तकों के रचयिता बने यही मेरा आशीर्वाद है इनको।

भारत नेपाल में साहित्यिक सेतु का काम भ्रमर जी कर रहे हैं और मैथिली साहित्य की सेवा से इसके भंडार को लगातार भर रहे हैं इसलिए मैथिली साहित्य जगत इनका ऋणी रहेगा यह विचार मिथिला लेखक मंच के संयोजक श्री चंद्रेश ने व्यक्त किया।

इस अवसर पर डॉक्टर विद्या नाथ झा हीरेंद्र कुमार झा डॉक्टर श्री शंकर झा कमलेश झा कमलमोहन चून्नू डा मंजर सुलेमान डा अयोध्या नाथ झा डा धर्मेंद्र कुमर बिजय शंकर झा डा फूलचंद्र रमन डा टूनटून झा अचल डा उषा चौधरी सुनिता झा नीतू कुमारी और सुशांत कुमार डा अवनींद्र कुमार झा और भास्कर जी उपस्थित रहे।