#MNN@24X7 दरभंगा, मिथिला लेखक मंच के तत्वावधान में आयोजित पुस्तक विमोचन एवं पत्रिका विमोचन और सम्मान समारोह का आयोजन मैथिली साहित्य परिषद के सभागार मे आयोजित हुआ। इस अवसर पर डॉक्टर भीमनाथ झा की अध्यक्षता एवं चंद्रेश की संचालन में कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर डॉक्टर भीमनाथ झा ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति नागार्जुन के नाम पर चेयर की स्थापना की है जो अनुचित है मैथिली साहित्यकार का नाम वैद्यनाथ मिश्र यात्री था इसीलिए इस चेयर का नाम यात्री नागार्जुन होता तो अच्छा होता।

इस मांग का समर्थन करते हुए डॉक्टर बैद्यनाथ चौधरी ने कहा कि कुलपति से मिलकर इसमें सुधार हो जाएगा और यात्री जी का नाम जुड़ जाएगा यह मैं आप लोगों को अस्वस्थ करता हूं।

इस अवसर पर प्रोफेसर उदय शंकर मिश्रा ने कहा की मैथिली पत्रिका की दैनीय स्थिति है अष्टम अनुसूची में स्थान मिलने के बाद भी एक दैनिक पत्र हम लोग समाज को नहीं दे सके और दूसरी ओर सरकार ने अष्टम सूची में स्थान दिया वह सांसद और विधानसभा में मैथिली को बोली कह कर अपमानित करती है और हम लोगों का आंदोलन उसे बाध्य नहीं कर पाता इसके लिए सभी संस्थाओं को सोचना होगा।

इस अवसर पर श्री दीपक कुमार झा द्वारा “मैथिली दर्पण” पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है उसे लोकार्पण किया गया। इसके साथ ही श्री राधे श्याम पोद्दार की दो पुस्तक “लोरिक विवाह” और “हो! माधव” का भी लोकार्पण इसी अवसर पर हुआ।

इस अवसर पर श्री कपिल प्रभाकर “खट्टर काका चीन मे” के रचनाकार एवं श्री विमल जी मिश्रा साहित्यकार को “मैथिली रत्न” से सम्मानित किया गया फाग चादर माला से अभिनंदन पत्र से किया गया।

इस अवसर श्री शशि बोध मिश्र डा विद्या नाथ झा डा धर्मेंद्र कूंवर डा योगानंद झा डा विजय शंकर झा श्रीशंकर झा मुन्नी मधु विंदेश्वर लाल कर्ण कल्पना कुमारी नितु कुमारी विष्णु कान्त मिश्र चौधरी हेमचंद्र राय अंकित चौधरी चन्द्र मोहन पड़बा प्रभु ठाकुर डा सुनिता झा राजकिशोर झा डा सुमन कुमार पोद्दार शुभानंद कूंवर राजेश श्रीवास्तव प्रभु ठाकुर आदि उपस्थित थे।