शिक्षित एवं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर महिलाओं में स्वतंत्रता, आत्मविश्वास और आत्मनिर्णय लेने की क्षमता विद्यमान- डा चौरसिया।

महिलाओं के सशक्तिकरण से ही समृद्ध परिवार एवं खुशहाल समाज का निर्माण संभव- अध्यक्ष गंगाधर।

#MNN@24X7 दरभंगा, आधुनिक दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से अपनी शिक्षा एवं काबिलियत से उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। अगर किसी बालिका को शिक्षित एवं कुशल बनाते हैं तो वह न केवल आत्मनिर्भर बनती है, बल्कि उसका पूरे परिवार और समाज पर अनेक सकारात्मक प्रभाव भी दृष्टिगोचर होता है। शिक्षित एवं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर महिलाओं में स्वतंत्रता, आत्मविश्वास और आत्मनिर्णय लेने की क्षमता अधिक होती है।

उक्त बातें मिथिला विश्वविद्यालय के संस्कृत- प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया ने “राष्ट्रीय बालिका दिवस” के अवसर पर डॉ प्रभात दास फाउंडेशन, दरभंगा के द्वारा दरभंगा सदर प्रखंड के रानीपुर पंचायत भवन में “आधुनिक दौर में महिलाओं की जिम्मेदारी” विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में कही। उन्होंने 21वीं शताब्दी को महिलाओं की सदी बताते हुए कहा कि आज भी हमारे परिवार और समाज में बालिकाओं के प्रति दोयम दर्जे का व्यवहार किया जाता है, जिसे बदलना हमारी चुनौती है। वे अपनी क्षमता और मेहनत से जहां आगे बढ़ रही हैं, वहीं सरकार द्वारा भी उनके हितों की रक्षा के लिए कई कानून बनाए गए हैं, जिनका अक्षरशः अनुपालन अत्यावश्यक है।

अध्यक्षीय संबोधन में रानीपुर पंचायत के सामाजिक कार्यकर्ता गंगाधर यादव ने कहा कि बालिकाओं को सशक्त करने से ही समृद्ध परिवार एवं समाज का निर्माण संभव है। उनकी जिस क्षेत्र में रुचि हो, उसमें आगे बढ़ने का बेहतर माहौल बनाना चाहिए। आज सभी क्षेत्रों में महिलाओं की जिम्मेदारी बढ़ती जा रही है।

संगोष्ठी में मनीषा कुमारी, रीना कुमारी, अंजलि कुमारी तथा खुशबू कुमारी आदि ने भी विचार रखे। अतिथियों का स्वागत फूल के पौधों से किया गया, जिसे रानीपुर पंचायत परिसर में लगाया गया।फाउण्डेन के कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह के संचालन में आयोजित संगोष्ठी में अतिथियों का स्वागत राजकुमार गणेशण ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन सिलाई- कटाई की प्रशिक्षिका शोभा देवी ने किया।