प्रधानाध्यापिका और शिक्षिकाओं के प्रयास और संकल्प ने बदल डाली सरकारी विद्यालय की तस्वीर।

#MNN@24X7 दरभंगा,
जी हाँ, आपने बिल्कुल सही पढा है, दरभंगा शहर के मिश्रटोला स्थित प्राथमिक विद्यालय दिग्घी पश्चिम, दे रहा निजी स्कूल को टक्कर।

अमूमन हमारे मन में जब सरकारी विद्यालय की बात आती है तो एक बदहाल स्कूल की तस्वीर उभर कर सामने आ जाती है। जहां सुविधा के नाम पर कोई भी वस्तु ना हो और विद्यार्थी बिना ड्रेस के इधर उधर घूम रहे हों।

मगर जब मन में हो कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो इंसान राई को भी पहाड़ बना सकता है। इस कहावत को चरितार्थ किया है उक्त विद्यालय की शिक्षकाओ ने।

दरअसल, दरभंगा शहर के प्रमुख तलाब दिग्घी के पश्चिमी भिंडा पर अवस्थित प्राथमिक विद्यालय, किसी भी अन्य निजी विद्यालय को टक्कर दे रहा है। इस विद्यालय में न केवल 90 से 100 फीसदी छात्रों की उपस्थिति दर्ज होती है। बल्कि इस विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्रायें टाई और बेल्ट के साथ पूरे ड्रेस में स्कूल पहुंचते हैं।

ज्ञात हो कि इस प्राथमिक विद्यालय में आस पास के अधिकांश छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। साथ ही स्कूल में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड और अपना बैंक अकाउंट है। इस विद्यालय के बच्चे और शिक्षक समय पर स्कूल आते हैं। साथ ही विभागीय निर्देश के आलोक में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन यहां निर्धारित मेन्यू के आधार पर ही किया जाता है।

इस क्षेत्र का यह प्राथमिक विद्यालय आज बस प्रधानाध्यापिका और शिक्षिकाओं के प्रयास से निजी विद्यालयों को टक्कर दे रहा है।

इस स्कूल में साफ-सफाई के साथ-साथ बेहतर शैक्षणिक माहौल भी है। साथ ही एक छोटे बागिचे के रूप में फूल के पेड़ भी लगे हुए हैं। जाे छात्र-छात्राओं को कक्षा की ओर आकर्षित करता है।

कुछ दिन पूर्व ही यहां सरयुग डेंटल कॉलेज की तरफ से बच्चों के दांतों की देखभाल को लेकर एक शिविर का आयोजन भी करवाया गया था, साथ ही साथ समय-समय पर यहां बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी बातों पर भी ध्यान दिया जाता है और उन्हें स्वास्थ्य के संबंध में अन्य बातें भी बताई जाती है।

उक्त विद्यालय की प्रधानाध्यापिका और शिक्षिकाओं ने अपने मेहनत, लगन और अपनी जिद्द के कारण एक सरकारी विद्यालय की तस्वीर ही बदल डाली।

सरकारी स्कूलों की बदहाली की खबर तो अक्सर समाचार पत्रों में प्रकाशित होती है। लेकिन आज हम आपके लिए ऐसे स्कूली की जानकारी लेकर आए हैं जो सुविधा और शिक्षा के अलावा साफ-सफाई और ड्रेस कोड के मामले में किसी निजी विद्यालयों को टक्कर दे रहा है।

दरसअल, जबसे इस विद्यालय की व्यवस्था में सुधार हुआ है तब से न केवल स्कूल की तस्वीर बदल गई बल्कि कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की उपस्थित का ग्राफ भी चढ़ गया। विद्यालय की कामन संभालते ही प्रधानाध्यापिका ने स्कूल की कुव्यवस्था को दूर करने की ठानी और शिक्षिकाओं के सहयोग से अपने कार्य में जुट गईं। आज इसी का यह परिणाम है कि यह विद्यालय अपने क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।