संस्कृत के लिए सतत प्रयास जरूरी : वीसी।

विश्वविद्यालय को मिले केंद्रीय दर्जा : डॉ पांडे।

अन्य भाषाओं से संस्कृत आसान : डॉ शर्मा।

#MNN@24X7 दरभंगा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित संस्कृत सप्ताह समारोह के समापन अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ शशिनाथ झा ने कहा कि बाधाएं आती हैं और चली जाती हैं लेकिन हमें संस्कृत के बढ़ावा देने के लिए सतत प्रयास जारी रखना है। अपना विश्वविद्यालय अनुसंधान एवं पाण्डु लिपि प्रकाशन मे समृद्ध है। यहां छात्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।

वहीं मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के न्याय विभाग के अध्यक्ष प्रो0 राम पूजन पांडेय ने शनिवार को कहा कि संस्कृत सप्ताह मानाने का मुख्य प्रयोजन इस विषय मे हमें नई दिशा देने के लिए होता है। संस्कृत में समग्र ज्ञान निहित है। संस्कृत के ज्ञान से सभी प्रकार के ज्ञान प्राप्त किये जा सकते हैं। इसलिए हमें प्रतिदिन नए वाक्य संस्कृत में सीखना चाहिए। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय काफी पुराना व प्रतिष्ठित है इसलिए इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास होना चाहिए। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि 28 अगस्त से संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम शुरू हुआ था। विभिन्न कालेजों के छात्राओं व छात्रों ने इसमें भाग लिया।

वहीं, विशिष्टातिथि केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जयपुर के धर्मशास्त्र विभाग की अध्यक्षा डॉ. कृष्णा शर्मा का उद्बोधन भी बहुत सारगर्भित रहा। डॉ शर्मा ने कहा कि संस्कृत का व्याकरण संस्कृत को जीने नहीं देता और संस्कृत का साहित्य उसे मरने नहीं देगा। उनके द्वारा संक्षेप रूप से चौदह विद्या, वेदाङ्ग के विषय मे कहा गया।

उन्होंने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा की संस्कृत कठिन नहीं है ,बल्कि अन्य भाषाओं से यह आसान है। कार्यक्रम का संचालन संयोजक स्नातकोत्तर व्याकरण विभाग के सहायक प्राचार्य डॉ. यदुवीर स्वरुप शास्त्री ने किया सहसंयोजक डॉ राजेश कुमार सिंह ने भी सहयोग किया ।

इसके पहले अतिथियों का स्वागत प्रो0 सुरेश्वर झा जी ने तथा धन्यवाद समर्पण विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह ने किया । कुळगीत व स्वागत गीत नेहा कुमारी, कुमारी प्रीति द्वारा प्रस्तुत किया गया।

पूर्वाहण मे छात्रों के लिए सूत्रान्त्याक्षरी, सद्यः स्फुर्ति- स्पर्धा करायी गयीं। समापन समारोह मे प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। संस्कृत सप्ताह के संयोजक डॉ. शिव लोचन झा, प्रो. श्रीपति त्रिपाठी, प्रो.दिलीप कुमार झा, प्रो. रेणुका सिंहा, प्रो. मीना शास्त्री, डॉ नरोत्तम मिश्रा, प्रो. दयानाथ झा , डॉ. कुणाल झा, डॉ साधना शर्मा, डा . एल्. सविता आर्या , डा. शंभु शरण तिवारी, डॉ. विभव कुमार झा समेत अन्य शिक्षको ने भी इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर छात्रों का उत्साह संवर्धन किया|