-सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के सहयोग से सरायरंजन , शाहपुर पटोरी एवं कल्याणपुर के मुखिया का हुआ क्षमतावर्धन।
-मिशन परिवार विकास योजना के एंबेस्डर बनेंगे मुखिया गण।
– परिवार नियोजन के महत्व को जन- जन तक पहुंचाने का लिया संकल्प।

#MNN@24X7 समस्तीपुर, 17 अक्टूबर। पंचायती राज विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज संस्था (सी 3) के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को नगर निगम के सभागार में जिला के सरायरंजन ,शाहपुरपटोरी एवं कल्याणपुर के सभी मुखिया का एक दिवसीय अभिमुखीकरण हुआ। मुख्य अतिथि जिला पंचायती राज पदाधिकारी अनुग्रह नारायण सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। . उन्होंने उपस्थित मुखियागणों से अपील की है कि वे लोक निर्माण के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं सामाजिक मुद्दों पर भी अभिरुचि बढ़ाएं। , ताकि इससे जुड़े मुद्दों में बेहतरी लाते हुए सतत विकास लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। इस दौरान स्वास्थ्य के विभिन्न घटकों सहित सामाजिक मुद्दों के ऊपर जागरूकता के बारे में बताया गया ।

ग्रामीण स्वच्छता समिति को सशक्त बनाने की अपील-

अभिमुखीकरण में मुख्य प्रशिक्षक की भूमिका में सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज के राज्य कार्यालय से आए अमित कुमार ने उपस्थित सभी मुखिया को पंचायती राज व्यवस्था की संरचना और निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को बताया। प्रशिक्षण के दौरान 73 वें संविधान संशोधन, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण और ग्रामीण स्वच्छता समिति को सशक्त बनाने की जरूरत, महिलाओं के जीवन चक्र में आने वाली विभिन्न स्वास्थ्य एवं सामाजिक समस्याएं और उनका निदान, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली वितरण और प्रत्येक चरणों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवा गारंटी को समझना, परिवार नियोजन पर समझ, ग्राम पंचायत विकास योजना निर्माण के पर जानकारी इत्यादि विषयों पर चर्चा की गई। अभिमुखीकरण कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए आयोजकों द्वारा कई खेल एवम् गतिविधियों का भी आयोजन किया गया।

अधिकार और सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत।

सेंटर फॉर कैटलाइजिंग चेंज के ट्रेनर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि अधिकार और सेवाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समुदाय को एकत्रित करना होगा तथा कमियों की पहचान कर उनका निदान करना होगा तथा इसके लिए ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं संबंधित सरकारी पदाधिकारी के साथ बातचीत करके मातृत्व स्वास्थ्य और परिवार नियोजन को प्राथमिकता देते हुए पहल करने की जरूरत है।

प्रसव काल में चार बार नियमित जांच कराएं-

सी थ्री के जिला कोऑर्डिनेटर संकेत कुमार ने कहा कि महिलाएं अपने पूरे परिवार के खाना खा लेने के बाद खाना खाती, जिसमें थाली से उनके द्वारा तैयार किए गए भोजन के कुछ आइटम कम होते हैं । यह बिल्कुल गलत है। यह अपने आप के ऊपर की गयी नाइंसाफी है और यही आदत हम अपनी बेटियों में भी डालते चले जाते । यह नहीं होना चाहिए। इसके साथ साथ उन्होंने पोषण के साथ साथ प्रसव काल में सुरक्षित प्रसव के लिए लोगों को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जैसे ही आपको पता चलता है कि आपका गर्भधारण हो गया है, सबसे पहले अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर अपना पंजीकरण करायें। प्रसव काल के दौरान चार बार नियमित जांच कराएं। स्वास्थ्य केंद्र से दिए गए 180 आयरन की गोलियां खाएं और संस्थागत प्रसव के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ही अपने बच्चे का जन्म करायें। इन सभी प्रक्रिया के साथ साथ प्रसव के दौरान अपने लिए जरूरी खर्च के लिए एक प्रसव गुल्लक का इंतजाम भी करके रखें , ताकि समय व जरूरत के अनुसार उसे खर्च किया जा सके। प्रसव संबंधी जांच के लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्री जॉच की व्यवस्था है।

पंचरंगा भोजन का है विशेष महत्व-

सीथ्री की राज्य स्तरीय टीम की सदस्य पिंकी कुमारी ने बताया कि प्रसव काल में महिलाओं में स्वाभाविक रूप से दो तरह की परेशानियां आम तौर पर होती हैं। यह ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। पहला, कब्ज की शिकायत और दूसरा, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, जो समय के साथ स्वयं ही समाप्त हो जाता है। इससे बचने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन फायदेमंद होता है। वैसे भी हमारे रोज के भोजन में पंचरंगा भोजन का अलग ही महत्व है, जो प्रतिदिन अलग-अलग रंगों का भोजन होता है।