कुलपति करेंगे संभाषण शिविर का शुभारंभ : प्रो. मुश्ताक़।

शिविर हेतु कल भी होगा पंजीकरण: डॉ. संजीत।

#MNN@24X7 संस्कृत विभाग, सी. एम. कॉलेज, दरभंगा, अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली तथा संस्कृत भारती, बिहार प्रान्त के संयुक्त तत्वाधान में संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत दस दिवसीय संस्कृत संभाषण शिविर का उद्घाटन सी.एम. कॉलेज के सभागार में कल ल.ना. मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह करेंगे।

मुख्य वक्ता के रूप में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. देवनारायण झा, सारस्वत अतिथि के रूप में एम. एल. एस. कॉलेज, सरिसव पाही, मधुबनी के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकान्त झा तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृत भारती, बिहार प्रान्त के प्रान्त संगठन मन्त्री डॉ. श्रवण कुमार होंगे।

महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. मुश्ताक़ अहमद की अध्यक्षता में होने वाले इस कार्यक्रम की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। संस्कृत सप्ताह के अंतर्गत दिनांक 04.09.2023 से प्रारम्भ होकर दस दिन तक चलने वाले इस संस्कृत संभाषण शिविर में समाज का कोइ भी व्यक्ति आकर संस्कृत सीख सकता है, चाहे वो किसी भी विषय को पढ़ने वाले छात्र हों, किसी भी विषय के अध्यापक हों, कर्मचारीगण हों अथवा समाज के किसी अन्य व्यवसाय में लगे व्यक्ति हों , सभी के लिये इस वर्ग में संस्कृत सीखाने की व्यवस्था की गई है।

संस्कृत विभागीय प्राध्यापकों के साथ कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा करते हुए प्रधानाचार्य प्रो. मुश्ताक़ अहमद ने बताया कि संस्कृत दुनिया की प्राचीनतम भाषा है तथा इसमें लिखित वेद पुराण आदि ज्ञान विज्ञान के तत्वों से परिपूर्ण हैं। अतः इस भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु इस तरह के शिविर का आयोजन आज समय की मांग है, जिससे अन्य विषय के लोग, छात्र, अध्यापक, कर्मचारी एवं समाज के अन्य व्यवसाय में लगे लोग भी अपना कुछ समय देकर इस अनुपम भाषा को सीख सकते हैं तथा इसमें निहित विपुल ज्ञान विज्ञान को समझ सकते हैं ।

संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. संजीत कुमार झा ने बताया कि प्रधानाचार्य महोदय के निर्देशानुसार कल से भव्य शिविर का शुभारंभ होगा तथा अगले दस कार्य दिवस तक यह चलेगा । शिविर में शामिल होनें वाले प्रतिभागियों को समापन समारोह में प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा। वर्ग के उद्घाटन सत्र में भी पंजीकरण की व्यवस्था रहेगी। कोइ भी संस्कृत सीखने का ईच्छुक व्यक्ति ₹ 100/- (सौ रूपये) का सहयोग राशि देकर इसमें पंजीकरण करवा सकता है।