आगामी 30- 31 अगस्त को विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में होने वाले सम्मेलन हेतु डा नारायण कुमार झा बनाए गए आयोजन सचिव।

संस्कृत में निहित ज्ञान- विज्ञान संबंधी विषयों को समाज के बीच पहुंचाना ही संस्कृत सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य- प्रो जीवानन्द।

‘ज्ञान- विज्ञान के क्षेत्र में मिथिला एवं कश्मीर का योगदान’ विषय सम्मेलन हेतु अब तक 300 से अधिक प्रतिभागी हुए पंजीकृत- डा नारायण।

सात सहयोगी संस्थाओं के तत्त्वावधान में आयोजित सम्मेलन में देश- विदेश के 600 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना- अध्यक्ष।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर शोध- सारांश एवं विज्ञापन संबद्ध स्मारिका का होगा विमोचन।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग सहित सात सहयोगी संस्थाओं के तत्त्वावधान में “ज्ञान- विज्ञान के क्षेत्र में मिथिला एवं कश्मीर का योगदान” (संस्कृत वाङ्मय के परिपेक्ष्य में) विषयक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 30- 31 अगस्त, 2022 को विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में आयोजित किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से संबंधित आयोजन समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जीवानंद झा की अध्यक्षता में हुई, जिसमें विभागीय प्राध्यापक डा आर एन चौरसिया एवं डा ममता स्नेही, आर के कॉलेज, मधुबनी के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा नारायण कुमार झा, संस्कृत के पूर्व शिक्षक डा राम नारायण शर्मा, सदानंद विश्वास, संदीप घोष, कमलेश कुमार महतो, मंजू अकेला, उदय कुमार उदेश व योगेंद्र पासवान आदि उपस्थित थे। बैठक में पूर्व आयोजन सचिव की शैक्षणिक व्यस्तता को देखते हुए आयोजन सचिव के रूप में आर के कॉलेज, मधुबनी के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा नारायण कुमार झा का सर्वसम्मति से चयन किया गया।

संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो जीवानंद झा ने बताया कि स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय,दरभंगा,राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति, आंध्र प्रदेश, स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग, जम्मू विश्वविद्यालय, जम्मू, स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, लोक भाषा प्रचार समिति, बिहार प्रांत तथा संस्कृत विभाग, आर के कॉलेज, मधुबनी के नाम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत में निहित ज्ञान- विज्ञान संबद्ध विषयों को समाज के बीच पहुंचाना ही इस सम्मेलन का मूल उद्देश्य है।

प्रतिभागियों द्वारा भेजे जा रहे शोध- सारांश का प्रकाशन स्मारिका में किया जा रहा है, जिसका विमोचन सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में किया जाएगा।

आयोजन सचिव डा नारायण कुमार झा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के सफल आयोजन हेतु तैयारी तीव्र गति से चल रही है। अब तक 300 से अधिक प्रतिभागियों का पंजीकरण हो चुका है। उन्होंने बताया कि उक्त सम्मेलन ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यम से आयोजित किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सहभागिता हेतु सभी संकायों के प्रतिभागी- शिक्षक, शोधार्थी, विद्यार्थी एवं संस्कृतप्रेमी स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में आकर अथवा आयोजन सचिव के व्हाट्सएप नंबर 62062 68 388 पर संपर्क कर सकते हैं।