#MNN@24X7 दरभंगा, जिले बिहार एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले 102 के एंबुलेंस कर्मी अपने सात सूत्री मांगों को लेकर तीन दिनों से सिविल सर्जन कार्यालय के सामने एंबुलेंस को खड़ा कर हड़ताल पर चल रहे है। जिससे मरीजों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल आने वाले मरीजों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है। जिनकी उन्हें ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है। जिससे आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को भारी परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है।

दरअसल, एम्बुलेंस कर्मी व आशा कर्मियों का हड़ताल के कारण गर्भवती महिलाएं व रेफर होकर दूसरे अस्पताल जाने वाले मरीजों की परेशानी अधिक बढ़ी हुई है। एम्बुलेंस कर्मी अपनी 7 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। जबकि आशा कर्मी अपनी 9 सूत्री मांगों के समर्थन में हड़ताल कर रही है। इससे स्वास्थ्य विभाग की पूरी व्यवस्था चरमरा गई है। प्रसव को अस्पताल आने वाली महिलाओं को जहां आशा का सहयोग नहीं मिल रहा है। वहीं एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल के कारण वह किसी तरह निजी वाहन से अधिक पैसा खर्च परिजनों के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।

आंदोलन पर बैठे एंबुलेंस कर्मी ने बताया कि सरकार के द्वारा हर स्टेट में लेबर लॉ बनाया गया है। लेकिन इसका अनुपालन यहां नहीं हो रहा है। 8 घंटे के बदले हम लोगों से 12 घंटे तक का काम लिया जाता है। कई बार त्रिपक्षीय वार्ता भी हुई और भरोसा भी दिलाया गया कि नया अमेंडमेंट होने के बाद वेतन भी बढ़ाया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हमारा ही ईपीएफ का काटा हुआ पैसा 22 महीने का बचा हुआ है। जिसका भी कुछ नहीं हुआ। हमलोगों का वेतन सफाई कर्मी से भी कम है। सरकार लेबर लॉ का भी पालन नहीं कर रही है ऐसे में उन्हें काम करने में कठिनाई हो रही है। सरकार से अपील की है कि उनका वेतन भत्ता बढ़ाया जाए तथा काम के समय का निर्धारण हो।