–सदर अस्पताल में डेंगू मरीज के लिए 10 व अनुमंडलीय अस्पताल में 5 बेड आरक्षित
-वर्तमान में जिले में डेंगू के 13 मरीज चिह्नित
-घरों के आसपास जलजमाव दे सकता है मलेरिया और डेंगू को न्योता
– जलजमाव के कारण शहरी और ग्रामीण इलाकों में बढ़ गया है मच्छरों का प्रकोप
– बुखार होने की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क और कराएं खून की जांच

#MNN@24X7 मधुबनी , 13 अक्टूबर | शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र,लोग मच्छरों से परेशान हैं। ऐसे में मच्छरों के कारण डेंगू और मलेरिया के मरीजों के बढ़ने की संभावना अधिक बढ़ जाती है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लोगों को मच्छरों से बचाव करने और सचेत रहने की सलाह दे रहा है। इसके लिए अस्पताल द्वारा बैनर/ पोस्टर -53 तथा हैंडबिल -23000 उपलब्ध कराया गया है। जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। , विदित हो कि वर्तमान में जिले में 13 डेंगू के मरीज चिह्नित किया गया है । जिसमें 6 मरीज जिले से बाहर तथा 7 मरीज जिले में चयनित किया गया है। सभी सातों जगहों पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा फागिंग करा दी गई है। छह अन्य मरीज जो हैं उनकी ट्रैवल हिस्ट्री मधुबनी जिला का नहीं है। जिस कारण उस क्षेत्र में फॉगिंग नहीं करायी गयी है। वर्तमान में आरडीटी डेंगू किट से 3 डेंगू के पॉजिटिव मरीज चिह्नित किया गया। जिसे कंफर्मेशन के लिए डीएमसीएच भेजा गया है।

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. विनोद कुमार झा ने बताया मच्छरों से होने वाली बीमारियों में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, जीका वायरस, चिकनगुनिया, हेपेटाइटिस ए आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा बहुत सारी बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से होती । हालांकि, ये सभी बीमारियां अलग- अलग मच्छरों के काटने से होती हैं। लेकिन, सबसे अधिक मामले मलेरिया और डेंगू के ही आते हैं। उन्होंने बताया वर्तमान में जिले के सदर अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए 10 बेड आरक्षित किया गया है। वहीं अनुमंडलीय अस्पतालों में 5 बेड आरक्षित किया गया है। जिले में वर्तमान में कुल 160 डेंगू किट उपलब्ध है। जिले के सभी पीएचसी में यह उपलब्ध करा दी गयी है.। 100 किट उपलब्ध करायी जा रही है।

मलेरिया का तेज बुखार दिमाग पर भी चढ़ जाता है-

डॉ. झा ने बताया, मलेरिया एक प्रकार का बुखार है, जो प्लाजमोडियम नामक परजीवी से संक्रमित मादा एनोफिलिज मच्छर के काटने से होता है। इसमें कपकपी के साथ 103 से लेकर 105 डिग्री तक बुखार होता और कुछ घंटों के बाद पसीने के साथ बुखार उतर जाता है, लेकिन निश्चित अंतराल पर आते-जाते रहता है। उन्होंने बताया कि फेलसीपेरम मलेरिया (दिमागी मलेरिया) की अवस्था में तेज बुखार होता है, जो दिमाग पर भी चढ़ जाता। इस दौरान फेफड़े में सूजन हो जाती है। पीलिया एवं गुर्दे की खराबी फेलसीपेरम मलेरिया की मुख्य पहचान है। जिसमें खून की कमी हो जाती है।

सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जांच व इलाज की सुविधा :

‘मलेरिया बुखार होने पर पीड़ित व्यक्ति को अपने गांव की आशा दीदी या नजदीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। खून की जांच में मलेरिया निकलने पर डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा लेनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में इसकी निःशुल्क जांच और इलाज की सुविधा है। वहीं, आशा कार्यकर्ता क्षेत्र में जाकर मलेरिया के संभावित मरीजों की आरडीटी किट से जांच कर रही हैं। प्रति जांच उन्हें 15 रुपये की राशि देने की भी व्यवस्था है। साथ ही, मरीज मिलने पर उसका इलाज कराने पर 75 रुपये प्रति मरीज अलग से दिए जाने की व्यवस्था है।

दिन में सोते समय भी लगाएं मच्छरदानी :

मलेरिया इंस्पेक्टर राकेश रोशन ने बताया कि दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। इसके साथ-साथ मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें। घर के सभी कमरों को साफ- सुथरा रखें। टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी जमा नहीं होने दें। पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करें। गमला, फूलदान का पानी हर दूसरे दिन बदल दें। घर के साथ-साथ सार्वजनिक स्थलों पर सतर्कता जरूरी है। मॉल व दुकान चलाने वाले लोग भी खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टनों में पानी जमा नहीं होने दें। जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें।

डेंगू के लक्षण :
•अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
•मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
•आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
•जी मिचलाना एवं उल्टी होना
गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना
•त्वचा पर चकत्ते उभरना