#MNN@24X7 समस्तीपुर। लोक आस्‍था का महापर्व छठ पूजा में मात्र 02 सप्ताह बचे हुए है। लेकिन समस्तीपुर शहर के मगरदही, मथुरापुर व खाटू श्याम मंदिर के पास बूढ़ी गंडक नदी के तट पर स्थित छठ घाट तथा बलिराम भगत कॉलेज व महदैया पोखर स्थित छठ घाट नगर निगम की उपेक्षा का शिकार बना है। इससे श्रद्धालुओं में निराशा के साथ गुस्‍सा भी है।

राजद पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व जिला पार्षद संजीव कुमार राय ने कहा है कि इन छठ घाटों की धार्मिक प्रसिद्धि को देखते हुए घाट के चारों ओर नक्काशी युक्त चारदीवारी, छठ व्रतियों को अर्ध अर्पण के लिए चौड़ी सीढ़ी का निर्माण कराने की जरुरत है। साथ ही तालाब में स्नान के बाद छठ व्रतियों के कपड़ा बदलने के लिए कमरे(चेंजर रूम) भी बनाया जाना चाहिए। लेकिन नगर निगम की उपेक्षा के कारण छठ घाट की स्थिति खराब होती जा रही है।

छठ की महता और इसकी प्रसिद्धि के अनुरूप आज भी समस्तीपुर शहर के मगरदही घाट, चौधरी घाट, नीम गली, प्रसाद घाट, पेठिया गाछी, पीपर घाट, नचारी झा घाट, पुरानी दुर्गा सहित विभिन्न छठ घाट विकसित नहीं हुआ है। यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। समस्तीपुर जिला का सबसे प्रमुख घाट होने के कारण इन घाटों के विस्तार के साथ सौन्दर्यीकरण भी किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बनारस की तरह यह घाट भी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सके, इसका प्रयास किया जाय। घाटों के पास एक दर्जन से अधिक स्वचालित सोलर लाइट लगवाया जाय। उन्होंने समस्तीपुर नगर निगम के अंतर्गत छठ पूजा समारोह व मेला को सरकारी समारोह का दर्जा देने व इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की भी मांग सरकार से की है।