#MNN@24X7 आज दिनांक 17/10/ 2022 को विश्वविद्यालय रसायन शास्त्र विभाग ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा एवं राज्य स्तरीय समन्वयन एजेंसी बिहार झारखंड एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार, समाज कल्याण विभाग बिहार सरकार के संयुक्त तत्वाधान में मादक पदार्थ निषेध जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया।

दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉली सिन्हा के साथ सभी उपस्थित अतिथियों के द्वारा किया गया। अपने उद्बोधन में प्रोफेसर डॉली सिन्हा ने युवाओं को चेतावनी दी और एक फिल्मी कलाकार का उदाहरण देते हुए कहा कि पैसा आदि सब कुछ होते हुए भी ड्रग्स की लत में कैसे जीवन बर्बाद हो जाता है । उन्होंने कहा कि मदिरा सेवन से क्षणभर का आनंद आता है लेकिन धीरे-धीरे अपने आप को बर्बादी की ओर ले जाता है हमें ड्रग्स के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक होने की जरूरत है।

दर्द निरोधक एवं नींद की गोली आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर प्रेम मोहन मिश्र ने अपने प्रस्तुति में मादक पदार्थों के प्रकार जैसे तंबाकू एवं तंबाकू से बनने वाले पदार्थ बीड़ी, सिगरेट, गांजा, हुक्का, पान मसाला, गुटखा इत्यादि के सेवन से होने वाले हानियों की विस्तार से चर्चा की । उन्होंने कहा कि नशा के सेवन से दुर्घटना, पारिवारिक कलह , बीमारी, मारपीट आदि घटनाएं होती रहती हैं। आदमी कई बीमारियों का शिकार होकर मृत्यु को प्राप्त करता है। इससे धन एवं मान की हानि भी होती है। उन्होंने कहा की दृढ़ इच्छा शक्ति मादक पदार्थों के दुरुपयोग से बचा जा सकता है। उन्होंने इस क्षेत्र में केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की! उन्होंने कहा कि सबसे अधिक युवा वाला देश भारत के युवा मादक पदार्थों के सेवन के कारण बर्बाद हो रहा है ।

वही पूर्व कुलसचिव एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष अजीत सिंह ने अपने ओजपूर्ण भाषण में वेद का श्लोक का कुछ उदाहरण देते हुए कहा कि मन सबसे बड़ी चीज है जिसे बस में करने से अच्छा आदमी बन सकता है। मन को जिधर एकाग्र करेंगे तो वैसा ही चरित्र का निर्माण होगा। ड्रग सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पहले शरीर बर्बाद होता है और साथ ही घर परिवार एवं धन का नुकसान जिससे सामाजिक विकास नहीं हो पाता।

एस एल सी ए बिहार झारखंड के समन्वयक मनोज कुमार सिंह ने शरीर में मादक पदार्थों के प्रभाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ड्रग्स की लत एक मानसिक बीमारी है इसे इलाज से ठीक किया जा सकता है, हमें जरूरत है कि ड्रग्स की मांगों में कमी लाएं इसके लिए लोगों को जागरूकता की जरूरत है । वही क्षेत्रीय पदाधिकारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि हमारा समाज दिन प्रतिदिन नशे की गिरफ्त में बढ़ता चला जा रहा है आज हमें नशे के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। हमें नशे के दुष्प्रभावों को समझना होगा तभी हमारा देश नशा मुक्त हो सकता है।

बिहार सरकार के तकनीकी विशेषज्ञ सुमित कुमार ने कहा NAPDDR योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 2018 में शुरू किया गया। इस योजना के अंतर्गत बिहार सरकार के सामाजिक सुरक्षा निदेशालय द्वारा उक्त योजना का कार्यान्वन किया जा रहा है – तथा बिहार के सभी जिलों में नशा मुक्ति हेतु कार्य किया जा रहा है। नशा मुक्ति अभियान के तहत 15 जिलों को चिन्हित किया गया है एवं उक्त जिलों में विशेष रूप से नशा के विरुद्ध प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। यह अच्छी बात है कि दरभंगा जिला का नाम इसमें शामिल नहीं है । कार्यक्रम के मध्य में मणिकांत झा लिखित नशा विरोधी मैथिली गीत गाकर तृतीय सेमेस्टर का छात्र रोहित कुमार झा ने उपस्थित लोगों को आह्लादित कर दिया।

कार्यक्रम के अंतिम में रसायन विभाग के छात्र छात्राओं ने मादक पदार्थों के दुष्प्रभाव पर आधारित नुक्कड़ नाटक आयोजन कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। साथ ही S. L.C.A द्वारा उपस्थित सभी छात्र छात्राओं को जीवन में नशा नहीं करने का शपथ दिलाया गया । कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी छात्र-छात्राओं को उपस्थित अतिथियों के हाथों सहभागिता प्रमाण पत्र दिया गया।