मरीजों को बीच में दवा न छोड़ने के लिए वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक धर्मेंद्र कुमार करते हैं प्रेरित।

#MNN@24X7 समस्तीपुर। 18 अक्टूबर। क्षय रोग ;टीबीद्ध से पीड़ित मरीज अगर इलाज के दौरान बीच में दवा छोड़ते हैं, तो यह उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होगा। हर टीबी मरीज को दवा का पूरा कोर्स करना जरूरी है। तभी टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से मुक्ति मिल सकती है। ये बातें वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक धर्मेंद्र कुमार ने टीबी मरीजों को बतायी।

उन्होेंने बताया कि कई ऐसे मरीज होते हैं। जो इलाज के दौरान बीच में ही दवा खाना छोड़ देते हैं। दरअसल जब वे दवा खाना शुरू करते हैं। उसके बाद उन्हें स्वास्थ्य लाभ मिलने लगता है। इसी उत्साह में वह दवा लेना बीच में ही छोड़ देते हैं। जिसका प्रतिकूल असर उनके स्वास्थ्य लाभ पर पड़ने लगता है। इसलिए हर टीबी मरीज को दवा नियमित खाना चाहिए। धर्मेंद्र कुमार ऐसे मरीजों को प्रेरित कर बताये कि ऐसे मरीजों को दवा बीच में बंद नहीं करना चाहिए। कई बार मरीजों को मान.मनौव्वल और कड़ाई भी दिखानी पड़ती है। अभी तक दर्जनों ऐसे लोग हैं जो इलाज के बीच दवा छोड़ दिये थे। लेकिन समझाने के बाद वो फिर से दवा खाना शुरू किए और स्वस्थ्य हुए।

छह माह का कोर्स पूरा करना जरूरी

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ विशाल कुमार ने बताया कि टीबी मरीजों को छह माह तक दवा खाना बेहद जरूरी है। चिकित्सक के बताये अनुसार पूरा इलाज कराएं, दवा को बीच में छोड़ने की भूल न करें। ऐसा करने से आपकी बीमारी बढ़ सकती है। मरीज को एमडीआर टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला यक्ष्मा केंद्र समेत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निशुल्क जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में जांच से लेकर दवा तक निशुल्क उपलब्ध है। बेवजह बाहर के अस्पताल का चक्कर न लगाएं।

टीबी के लक्षण

दो हफ़्ते या अधिक समय तक खांसी आना; पहले सूखी खांसी तथा बाद में बलगम के साथ खून का आना

रात में पसीना आना; चाहे मौसम ठंड का क्यों न हो

लगातार बुखार रहना

थकावट होना और सांस लेने में परेशानी होना

वजन घटना

बचाव के उपाय

जांच के बाद टीबी रोग की पुष्टि होने पर दवा का पूरा कोर्स लें।

मास्क पहनें तथा खांसने या छींकने पर मुंह को पेपर नैपकीन से कवर करें।

मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें।

मरीज हवादार और अच्छी रौशनी वाले कमरे में रहें। एसी से परहेज करें।

पौष्टिक खाना खाएं। योगाभ्यास करें।

बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, तम्बाकू, शराब आदि से परहेज करें।

भीड़भाड़ वाली गंदी जगहों पर जानें से बचें।