#MNN@24X7 पटना, बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को नई शिक्षक नियमावली में बड़ा बदलाव किया है. राज्य में डोमिसाईल के प्रावधानों को बदलते हुए अब उन अनिवार्यता को हटा दिया गया है जिसके तहत सिर्फ बिहार मूल के स्थाई निवासी भी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकते थे. नए बदलाव से अब किसी भी राज्य के निवासी को बिहार में शिक्षक बनने का मौका मिलेगा. लेकिन, नीतीश सरकार के इस फैसले का अब शिक्षक अभ्यर्थी और कई संगठन विरोध कर रहे है. कैबिनेट की मुहर लगने के तुरंत बाद ही इसके खिलाफ लोगों का गुस्सा सामने आ गया.

सोशल मीडिया पर नीतीश सरकार के फैसले को बिहार के लोगों से छल बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ट्रोल किया जाने लगा.

Educators of Bihar ने अपने ट्विटर पर लिखा है, BPSC TRE से डोमिसाइल समाप्त करने में नीतीश कुमार जी का प्रधानमंत्री बनने का चाहत साफ झलकता हैं। ये बहाली पूर्णतः राजनीति से प्रेरित हो चुकी हैं। Pooja Hindustani लिखती है, हाय लगेगी सरकार तुमको, तुमने खून के आंसू रुलाया है हम सबको। रोज रोज तुम्हारा संशोधन ही हो रहा है। दोगली सरकार तुम्हारा ये दोगला स्वभाव तुमको बर्बाद न कर दिया न तो कहना। एक अन्य यूजर ने लिखा है, अब परीक्षा कि तैयारी छोड़ के आंदोलन की तैयारी कीजिए!

वहीं एक यूजर तेजस्वी यादव को निशाने पर लेते हुए लिखा है, नितीश जी तो अपने आखिरी पड़ाव में है लगता है.. तेजस्वी यादव जी को भी अपनी राजनीतिक पारी की चिंता नहीं है, तनिक भी फिक्र होती तो शिक्षकों/ अभ्यर्थियों पर इतना अत्याचार ना होने देते ! Rajesh Kumar Mishra ने ट्विटर पर लिखा है, आप सबने बिहार के बच्चों को बर्बाद करने मे कोई कसर नहीं छोड़ा? सब याद रहेगा? पिछले 4 वर्ष से सड़क पर लाठी की मार खा रहे सातवे चरण की अभ्यार्थी के साथ अन्याय है! शर्मनाक, धिक्कार है आप सबकी नीति पर. राजेश कुमार ने विरोध जताते हुए लिखा, शिक्षक बहाली में सरकार जिस तेजी से यू टर्न ले रही है, अब सरकार की नीयत पर संदेह हो रहा है, सबसे ज्यादा कंफ्यूज़ अभ्यर्थी हैं, उन्हें समझ नहीं आ रहा क्या करें, पढ़ाई करें या अगले नोटिफिकेशन का इंतज़ार करें।

Quality Education Of Bihar के ट्विटर पर लिखा गया है. बिहार के निवासी के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है ये सरकार अब ‘बिहार के स्थायी निवासी होने’ की अहर्ता खत्म हो गई है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव आपलोगाें का इसका खामियाजा भुगतना होगा आप लिख कर ले लीजिए। बर्बाद हो गया बिहार के युवा जो 4 साल से संघर्ष कर रहे है. शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) (संशोधन) नियमावली, 2023 की स्वीकृति के तहत इस नियमावली के संशोधन उपरांत विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति हेतु ‘बिहार के स्थाई निवासी होने’ की अहर्ता अनिवार्य नहीं रहेगी।