#MNN@24X7 वाराणसी, पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या की बेवफाई की कहानी की गवाही उनके पति आलोक मौर्या की आखों से निकले आसुओं ने पूरे देश को दी। दर-दर भटकने के बाद एक तरफ जहां ज्योति मौर्या और होमगार्ड में कमांडेंट मनीष दुबे की प्रेम कहानी इन दिनों देश में चर्चा का विषय बनी है तो वहीं दूसरी ओर 18 नवम्बर 2010 को आजमगढ़ के रहने वाले आलोक मौर्या और वाराणसी के चिरईगांव की रहने वाली ज्योति मौर्या के शादी का कार्ड भी तेजी से वायरल हो रहा है।

पति के नाम के आगे लिखा ग्राम पंचायत अधिकारी।

इस शादी के कार्ड के मुताबिक शादी से पहले आलोक मौर्या के परिजनों ने शादी के कार्ड छपवाने में आलोक मौर्या के नाम के आगे ग्राम पंचायत अधिकारी लिखवाया है, जबकि अब आलोक खुद को सफाई कर्मचारी बताते हुए।ज्योति को पढ़ा लिखा कर पीसीएस अधिकारी बनाने का दावा कर रहे हैं।

परिजनों के परिचय भी फर्जी, ज्योति मौर्या को अध्यापिका लिखा।

ज्योति मौर्या और मनीष दुबे की प्रेम कहानी के बाद खड़े हुए बखेड़े के बाद से जहां आलोक के प्रति लोगों में सहानभूति बढ़ती जा रही है, वहीं सोशल मीडिया पर आलोक मौर्या और ज्योति मौर्या के शादी का कार्ड आलोक के धोखे की कहानी बयां कर रहा है। इस कार्ड के मुताबिक आलोक मौर्या सफाईकर्मी नहीं बल्कि ग्राम विकास अधिकारी है। मामला यहीं नहीं रुका कार्ड में उनके परिजनों के परिचय में बताते हुए लिखा है कि आलोक मौर्या के परिजन अशोक मौर्या अध्यापक, विनोद मौर्या LIU, आनद मौर्या, भारतीय वायु सेना इसके साथ ही विनीत के नीचे लिखा है।श्याम मुरारी मौर्या पुलिस वाराणसी लिखा हुआ है। वहीं पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्या शादी कार्ड के मुताबिक उस समय अध्यापिका थीं।

जब आलोक ने दिया धोखा तो मीडिया से कैसा डर।

आलोक मौर्या ने खुद को ग्राम विकास अधिकारी बताकर शादी की थी। बाद में वह सफाईकर्मी निकला। इसके बाद धोखे और बेवफाई की कहानी शुरू हुई। ज्योति के पिता पारसनाथ यादव आक्रोशित है।झुंझलाते हुए कहते है कि मीडिया सब गलत दिखा रही है। उनकी झुंझलाहट में भाजपा सरकार जीरो टॉलरेंस का भय भी साफ झलक रहा है। भाजपा सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी या नहीं यह आने वाला समय बताएगा।

(सौ स्वराज सवेरा)