बैठक में डा जयकांत मिश्र एवं कृष्ण कुमार कश्यप को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि।

#MNN@24X7 दरभंगा, विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में चालू वर्ष के नवंबर महीने में 25, 26 एवं 27 तारीख को आयोजित होने वाले तीन दिवसीय 51वें मिथिला विभूति पर्व समारोह की तैयारियों की समीक्षा के लिए रविवार देर शाम संस्थान के प्रधान कार्यालय परिसर में बैठक आयोजित हुई। समारोह को ऐतिहासिक बनाने के लिए संस्थान के संरक्षक हीरा कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आयोजन से संबंधित पूर्व से गठित समितियों के कार्य प्रगति की समीक्षा की गई।

जानकारी देते हुए संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संरक्षण एवं संवर्धन के लिए उपयुक्त माहौल तैयार करने के साथ ही मिथिला की गौरवशाली विरासत से नई पीढ़ी को रूबरू कराने के उद्देश्य से बैठक में अनेक रणनीति तैयार की गई। उन्होंने बताया कि समारोह में मिथिला पेंटिंग एवं मिथिला की धरोहर कलाकृतियों को प्रदर्शित करने वाली आकर्षक प्रदर्शनी के साथ साथ मिथिला के लजीज व्यंजनों का स्टाल भी लगाया जाएगा। जबकि इस ऐतिहासिक अवसर पर मिथिला के विभूतियों की कीर्ति के प्रदर्शन सहित विभिन्न दीर्घाओं का नामकरण उनके नाम पर किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि डा अशोक कुमार मेहता द्वारा अपरिहार्य कारण से कवि गोष्ठी के संयोजक की जवाबदेही निभाने में असमर्थता जताने के कारण हरिश्चंद्र हरित को कवि गोष्ठी प्रभारी मनोनीत किया गया। जबकि बालेन्दु झा, रंजन कुमार झा और डा अरुण सिंह को सुरक्षा एवं विधि व्यवस्था का प्रभार दिया गया। आवासन समिति के प्रभारी दुर्गा नन्द झा एवं मनीष कुमार झा रघु बनाए गए। जबकि अल्पाहार एवं भोजन प्रभारी के रूप में चौधरी बैद्यनाथ राय एवं हरिकिशोर चौधरी के नाम की घोषणा की गई।

बैठक में मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने इस भव्य आयोजन में नई पीढ़ी के कलाकारों एवं कवियों को अधिक अवसर प्रदान किए जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। विनोद कुमार झा ने शोभायात्रा की चल रही तैयारी के बारे में अवगत कराया। आशीष चौधरी ने कार्यक्रम से युवाओं को सीधे जोड़़ने के लिए उनके संयोजन में चल रही तैयारियों की बाबत जानकारी दी। महिला दीर्घा की कमान डॉ सुषमा झा एवं स्वर्णिम किरण प्रेरणा को संयुक्त रूप से सौंपी गई। मौके पर स्वागत महासचिव प्रो जीवकांत मिश्र ने समारोह के ऐतिहासिक आयोजन के मद्देनजर चल रही तैयारी की विस्तृत जानकारी दी जिस पर संतोष व्यक्त किया गया।

मौके पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित मैथिली भाषा एवं साहित्य के वरिष्ठ विद्वान डा जयकांत मिश्र की स्वर्ण जयंती एवं मिथिला चित्रकला को अंतरराष्ट्रीय फलक पर नवीन आयाम के संग प्रतिस्थापित करनेवाले महान चित्रकार, लेखक, गीतकार एवं गायक कृष्ण कुमार कश्यप की पुण्यतिथि पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

बैठक में डा चन्द्रनाथ मिश्र, विनोद कुमार झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, चंद्र मोहन झा, डा अरुण सिंह, डा उदय कांत मिश्र, मणिभूषण राजू, आशीष चौधरी, पुरुषोत्तम वत्स, दुर्गानंद झा, नवल किशोर झा, डा राम सुदिष्ट चौधरी, मिथिलेश मिश्र, हरिकिशोर चौधरी मामा, नरेंद्र नारायण झा, हीरा झा, चौधरी फूल कुमार राय, दीपक कुमार झा, रामाज्ञा झा आदि ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे।