#MNN@24X7 दरभंगा, 21 जुलाई, मुख्य सचिव बिहार आमिर सुबाहनी की अध्यक्षता में गर्भाधान एवं प्रसव पूर्व भ्रूण जाँच पर रोक लगाने हेतु 1994 की पी.सी. एण्ड पी.एन.डी.टी. एक्ट के प्रावधानों को सभी जिलों में लागू करवाने एवं अधिनियम का उल्लंघन करने वाले अल्ट्रासाउंड जाँच घर, संबंधित चिकित्सक कर्मी एवं जाँच कराने वाली महिला के परिजनों के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित कराने हेतु सभी जिलाधिकारी एवं संबंधित चिकित्सा पदाधिकारी के साथ ऑनलाइन बैठक की गई।
   
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव-सह-कार्यपालक निदेशक श्री संजय कुमार सिंह ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अल्ट्रासाउंड जाँच घरों के पंजीकरण एवं pcpndt.bihar.gov.in पोर्टल पर अपलोड की स्थिति से अवगत कराया।
  
इसके साथ ही अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि नियम का उल्लंघन करने वाले या गैर पंजीकृत अल्ट्रासाउंड जाँच घर को सिज करने के उपरांत मा. सीजेएम कोर्ट में वाद दायर किया जाएगा, माननीय सीजेएम कोर्ट के आदेश पर ही सील खोला जा सकेगा।
  
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर प्रत्येक तीन माह पर अल्ट्रासाउंड जाँच घरों की जाँच होनी चाहिए, एक चिकित्सक के नाम पर अधिकतर दो जाँच घर का पंजीकरण हो सकता है।

अल्ट्रासाउंड जाँच घर सील करने के पहले  कारणपृच्छा करना अपेक्षित है। जाँच घर के पंजीकरण के लिए डि.ए.ए. (डिस्ट्रिक्ट एप्रोप्रियेट अथॉरिटी) डीएम सक्षम प्राधिकारी हैं। इसके लिए एक जिला स्तरीय सलाहकार समिति गठित की जाएगी, जो पंजीकरण के लिए अनुशंसा करेगी।
बैठक में जिले में निबंधित सभी अल्ट्रासाउंड जाँच केंद्र को उपरोक्त पोर्टल पर एक सप्ताह के अंदर अपलोड करवाने का निर्देश सभी सिविल सर्जन को दिया गया।
   
बैठक को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास निगम के प्रबंध निदेशक श्रीमती वंदना प्रेयसी ने कहा कि बेटियों के जन्म को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता आवश्यक है, भविष्य के पिता एवं भविष्य के माता जो आज किशोर एवं किशोरी हैं, के बीच बेटा और बेटी दोनों के प्रति समान नजरिया बनाना बेहद जरूरी है, इसके लिए जिले में वन स्टॉप सेंटर,आशा,मीणा मंच का प्रयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही विभिन्न कार्यक्रमों एवं बैठकों में इस संबंध में विचार रखे जा सकते हैं। दीवार लेखन के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा सकता है।
  
उन्होंने कहा कि एक सर्वे में यह बात सामने आई है की आज भी 35 प्रतिशत माताएं ही बेटी की इच्छा रखती हैं, जबकि 65 प्रतिशत माताएं बेटा की इच्छा रखती हैं, यह फर्क मिटाना होगा।
  
वही दरभंगा एनआईसी से जिलाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन, सहायक समाहर्ता सूर्य प्रताप सिंह, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, एन.सी.डी.ओ एस के मिश्रा, डीपीएम हेल्थ एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।