#MNN@24X7 खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए एक फरवरी की रात बहुत ही खास होगी,क्योंकि एक फरवरी की रात आसमान में कुछ पलों के लिए हरी चमकीली लपट का नजारा नजर आएगा। यह हाल ही में खोजा गया धूमकेतु है जो पृथ्वी के पास से गुजरने वाला है।खगोल वैज्ञानिकों का कहना है कि यह धूमकेतु पृथ्वी के इतने पास से गुजरेगा कि इसे बाइनाकुलर, टेलीस्कोप के साथ ही नंगी आंखों से भी देखा जा सकेगा।

बता दें कि सितारों की दुनिया में ऐसा 50 हजार साल बाद होने जा रहा है।पुच्छल तारा सूरज का एक चक्कर लगाने में 50 हजार साल का समय लेता है। 12 जनवरी को पुच्छल तारा सूरज के बहुत पास था।अब पुच्छल तारा एक फरवरी को पृथ्वी के पास से गुजरेगा।पिछली बार जब यह धूमकेतु पृथ्वी के 4.2 करोड़ किलोमीटर आसमान से गुजरा था तब हमारा ग्रह पुरापाषण काल में था और उस समय हमारे ग्रह पर विकास क्रम में निएंडरथल मानव निवास करते थे।

खगोलविदों के मुताबिक यह दिलचस्प है कि निएंडरथल मानव के बाद हम होमो सैपियंस इस दुर्लभ चमकीले हरे पुच्छल तारे को देखेंगे। वैज्ञानिकों ने इस नए खोजे धूमकेतु का नाम सी/2022 ई-3 (जेडटीएफ) रखा है।

पेरिस की अंतर्राष्ट्रीय आब्जर्वेटरी के वैज्ञानिक निकोलस बीवर के अनुसार बर्फ और धूल से बने और हरे रंग के प्रकाश का उत्सर्जन करने वाले इस धूमकेतु का व्यास लगभग एक किलोमीटर के करीब है। आमतौर पर एक धूमकेतु रात में एक सफेद लपट जैसा दिखाई देता है,लेकिन इस धूमकेतु का हरा रंग दुर्लभ है। यह पृथ्वी से 2.7 करोड़ मील की दूरी से गुजरेगा। अनुमान है कि इस यात्रा के बाद यह धूमकेतु हमारे सौरमंडल से हमेशा के लिए बाहर हो जाएगा।

(सौ स्वराज सवेरा)

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