बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला शाखा दरभंगा द्वारा कर्मचारी महासंघ कार्यालय लहेरियासराय में महान स्वतंत्रता सेनानी एवं देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की 139वी जन्म दिवस पर उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर महासंघ के उपाध्यक्ष श्री अश्विनी कुमार झा के अध्यक्षता में गोष्ठी आयोजित किया गया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री फूल कुमार झा ने संबोधित करते हुए कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 ईसवी को बिहार के सारण (सिवान जिला) के जिरादेई गाव के किसान परिवार में हुआ था। डॉक्टर प्रसाद आजादी के आंदोलन में महात्मा के दाया हाथ थे। जब महात्मा गांधी चंपारण आन्दोलन दरमियान बिहार आए थे तो श्री राजेन्द्र बाबू के निवास स्थान जिरादेई में रुके थे। डॉक्टर प्रसाद ईमानदारी एवं त्यागी जीवन के आदर्श स्थापित किए। उन्हे मरनोपरांत भारत रत्न का सम्मान दिया गया था। वे संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे आजादी के बाद प्रथम अंतरिम सरकार में 1946 में भारत सरकार का पहला खाद्य एवम आपूर्ति मंत्री बनाया गया था। राष्ट्रपति के पद से हटने के बाद पटना के बिहार विद्या पीठ में अपना जिंदगी बिताई तथा अंतिम सांस लिया। राष्ट्रपति बनने बाद भी उन्हे पटना एव दिल्ली में अपना कोई मकान नहीं था। श्री राजेन्द्र बाबू को दरभंगा जिला से लगाव था। वे आजादी के लड़ाई के दौरान नेशनल स्कूल दरभंगा एवम मझौलियां मगन आश्रम (हायाघाट) में भी पधारे थे। इस अवसर पर उपस्थित कर्मचारियो ने डाक्टर श्री राजेंद्र प्रसाद के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके बताए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में साथी श्री अरविंद कुमार राय, श्री तारा कांत पाठक, श्री सुनील कुमार, राजतिलक कुमार श्री शिवदेव झा, श्री गंगाराम, श्री कैलाश कुमार, श्री जीवच शाह, श्री बैजनाथ झा आदि उपस्थित थे।