#MNN24X7 आईएपी, एनएनएफ, एफजीएम प्रोजेक्ट के तहत प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग एवं आईएपी के दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में गाइनी सेमिनार हॉल में आयोजित फैकल्टीज की नवजात शिशु पुनर्जीवन के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ के एन मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के 20 स्त्री रोग विशेषज्ञों ने डॉक्टर ओम प्रकाश एवं डॉ प्रशांता कृष्णा गुप्ता से प्रशिक्षण लिया। कोर्स कोआर्डिनेटर डॉक्टर पूजा महासेठ थी।
विभागाध्यक्ष डॉ सीमा, डॉक्टर रेणु झा, डॉक्टर जय श्री पूर्वे, डॉक्टर मधु सिन्हा डॉ माया शंकर ठाकुर, डॉक्टर वसुधा रानी, डॉक्टर मधु सिन्हा इत्यादि ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम में अन्य स्थानीय प्रशिक्षक डॉ पल्लवी, डॉ अलका मिश्रा, डॉक्टर रूही यासमीन की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।
उद्घाटन सत्र मैं डॉक्टर के एन मिश्रा ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज में भी स्त्री रोग विभाग के 20 पीजी की तुलना में शिशु रोग में मात्र सात पीजी की सीटें हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में शिशु रोग विशेषज्ञों की संख्या कितनी कम है और हर प्रसव के समय शिशु रोग विशेषज्ञ उपस्थित नहीं रह सकते्। स्त्री रोग विशेषज्ञों को भी नवजात शिशु पुनर्जीवन का प्रशिक्षण लेना आवश्यक है, जिससे जिस प्रसूति की वे 9 महीने देखभाल कर रहीं थी, उसके शिशु को बचाया जा सके।
कार्यक्रम में आई पी के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा पूरे विश्व में 6500 शिशु जन्म के दिन मरते हैं। जिनमें से अधिकांश की मृत्यु समय पर सांस नहीं मिल पाने के कारण होती है। स्त्री रोग प्रसूति विशेषज्ञ नवजात शिशु पुनर्जीवन का प्रशिक्षण लेकर शिशु रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति में नवजात शिशु की प्राण की रक्षा कर सकतीं है। कार्यक्रम में आई ए पी के सचिव डॉक्टर सलीम अहमद, एकेडमिक कोऑर्डिनेटर डॉक्टर पल्लवी, डीएमसी सीएफडी एलुमनी मीट के कोषाध्यक्ष डॉक्टर भरत कुमार सहित बड़ी संख्या में गायनी के फैकल्टी और पी जी छात्र उपस्थित थे।