सावित्री बाई फुले की नारी शिक्षा के लिए किए गए संघर्ष को जन जन तक फैलाने की जरूरत है:संजीव
सरायरंजन/समस्तीपुर:नारी शिक्षा के लिए वरदान साबित हुई सावित्री बाई फुले उक्त बातें गंगसारा पंचायत के पूर्व पंचायत समिति सदस्य सह युवा समाजसेवी बागी संजीव कुमार इंकलाबी उर्फ भाई जी ने कही।
सरायरंजन प्रखंड क्षेत्र के गंगसारा पंचायत स्थित अहमदपुर गांव में भारत की प्रथम महिला प्राध्यापिका सती सावित्री बाई फुले तथा भारत की प्रथम महिला शिक्षिका बीवी फातिमा शेख की संयुक्त जयंती मनाई गई जहां संजीव कुमार इंकलाबी के द्वारा चलाई जा रही निःशुल्क कोचिंग सेंटर के बच्चों द्वारा पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
संजीव कुमार इंकलाबी ने कहा की आज के दौर में इतिहास को बदलने की कोशिश की जा रही है। सती सावित्री बाई फुले और बीवी फातिमा शेख की नारी शिक्षा के लिए किए गए संघर्षों को जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है। श्री कुमार ने यह भी कहा की सच में फुले जी ने इस गूंगे समाज के भीतर शिक्षा का दीप जलाकर इनके अंधकार जीवन को प्रकाशित किया है।
मौके पर युवा शक्ति के प्रांतीय संयोजक प्रतिमा पासवान ने बच्चों को प्रोत्शाहित करते हुए कही की सच में यदि शिक्षा की देवी है तो वो सावित्री बाई फुले और बीवी फातिमा शेख हैं जिन्होंने इन बेजुबानों को शिक्षा देकर एक मिसाल कायम की है। इनके इस सामाजिक समर्पण के लिए हमारा देश सदैव ऋणी रहेगा।
युवा शक्ति के साथी रौशन ने कहा की शिक्षा ही एक मात्र हथियार है जिससे समाज अपने हक,अधिकार और कर्तव्य को जान पाएगा। कृष्णा कुमार ने कहा की रोटी, खेल,पढ़ाई और प्यार यही बच्चों का चार अधिकार है। संजूला कुमारी ने कहा की आज जो कुछ भी महिलाएं और लड़कियां शिक्षा पा रही है वो इन महापुरुषों की देन है। खजुरी से चलकर आए सत्येंद्र जी ने कहा की जो कॉम अपना इतिहास नहीं जानता वो अपना भविष्य तय नहीं कर सकता इसीलिए इतिहास को जानने की जरूरत है। प्रतिभागियों को कॉपी कलम और पेंसिल देकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया गया।
मौके पर साथी मो. आरिफ़,राकेश कुमार ठाकुर, प्रतिभागियों में सोनी कुमारी,वीना कुमारी,मौसम कुमारी,रीमा कुमारी,सीमा कुमारी,अंकित कुमार,अजीत कुमार,पार्वती कुमारी,नंदनी कुमारी, रूपा कुमारी,संध्या कुमारी आदि दर्जनों बच्चे शामिल थे। प्रतिभागियों को कॉपी कलम देकर सम्मानित किया गया।