#MNN@24X7 अयोध्या, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के पहले दिन मंगलवार को रामलला का दर्शन के लिए अनुमान से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई।रामनगरी में उमड़े श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई,जिससे व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। दर्शन करने के लिए लाइन में लगे तमाम श्रद्धालु भीड़ में दबने से गश खाकर गिर पड़े। धक्का मुक्की हुई तो बढ़ी संख्या में श्रद्धालु बचने के लिए भागे,जिसमें कुछ के हाथ-पैर टूट गए,कुछ को चोट लग गई। उनके जूते चप्पल छूट गए।कम होने के बजाय राममंदिर के सामने श्रद्धालुओं की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ती देखकर पुलिस और प्रशासन के हाथ पांव बड़े वाले गुब्बारे की तरह फूल गए।
रामनगरी अयोध्या में तमाम खुफिया इकाइयां श्रद्धालुओं की जुटान का आकलन करने में फेल रहीं।प्रशासन को यह तनिक भी अंदाजा न था कि इतनी भीड़ हो जाएगी। शुरुआती दौर में श्रद्धालुओं के सामान चेक किए जाते रहे, लेकिन जब भीड़ का दवाब बढ़ा तो चेकिंग की व्यवस्थाएं कम पड़ गईं। श्रद्धालु इंतजार नहीं कर पा रहे थे। बैरीकेडिंग फांदकर दर्शन के लिए जाने लगे। स्थिति बिगड़ती देख आरएएफ और एटीएस के भी जवानों को लगाया गया।
सुबह सात बजे खुला राम मंदिर जब 11 बजे बंद हुआ तो लगभग 50 हजार श्रद्धालु दर्शन मार्ग पर मौजूद थे। मंदिर दोपहर दो बजे खुलता है,लेकिन भीड़ को देखते हुए एक घंटा पहले दोपहर एक बजे ही खोल दिया गया। देखते-देखते सुबह जैसी ही स्थिति हो गई। सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं को जत्थे में दर्शन कराते रहे। जैसे ही एक जत्था छोड़ा जाता, बेसब्र श्रद्धालु दौड़ पड़ते थे। एक बारगी तो भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मध्य प्रदेश के श्रद्धालु गोपीनाथ नायक भीड़ में फंस गए। किसी तरह पुलिसकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला। उनके हाथ में चोट लग गई। कई और श्रद्धालु भी चोटिल हुए। उन्हें श्रीरामअस्पताल पहुंचाया। श्रद्धालु श्यामा देवी भी गश खाकर गिर गईं। परिजनों ने उन्हें भीड़ से निकाला।
इसी तरह का माहौल मंदिर खुलने से लेकर मंदिर बंद होने तक रहा। भारी भीड़ की सूचना पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार, मंडलायुक्त गौरव दयाल, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम नितीश कुमार, एसएसपी राजकरण नैयर पहुंचे।व्यवस्था की माॅनीटरिंग करते रहे।
यात्री सुविधा केंद्र में अभी चेकिंग काउंटर्स नहीं बन पाए हैं। इसलिए छोटे-छोटे स्पाॅट बनाकर पुलिस लोगों का सामान चेक कर रही थी। अधिकतर लोगों के बैग चैक किए जाते रहे। कपडे़ के अंदर क्या रखा है, इसकी बारीकी से निगरानी नहीं हो पा रही थी। यही वजह है कि फोन लेकर भी श्रद्धालु अंदर पहुंच गए। पहले ही दिन ट्रस्ट की लाॅकर सुविधा फेल हो गई।रामलला के दर्शन का उत्साह भक्तों में इस कदर था कि किसी को अपने सामान की चिंता नहीं रही। रामजन्मभूमि पथ पर जहां भी जगह मिली, भक्त अपने बैग व जूता चप्पल छोड़ दे रहे थे।भारी भीड़ से कुछ श्रद्धालु रामलला के दर्शन किए बिना ही लौट गए।
बिहार की राजधानी पटना से आए अमन कुमार, सत्यम और शिवम वापस जा रहे थे बताया कि दर्शन नहीं मिला भीड़ बहुत है, सामान रखने की व्यवस्था नही है। हमारे पास बैग आदि हैं कहां रखे, इसलिए वापस जा रहे हैं फिर आकर दर्शन करेंगे।
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