आज दिनांक 26 नवंबर, 2022 को एम० आर० एम० कॉलेज, दरभंगा परिसर में एनएसएस इकाई के द्वारा संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता प्रभारी प्रधानाचार्य प्रो गजाला ऊर्फी ने की। कई वक्ताओं ने संविधान के प्रावधानों, विशेषताओं एवं उसकी महत्ता पर विस्तार से विचार रखा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो गजाला उर्फी ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। गुलामी की जंजीरों से आजाद भारत के संविधान सभा ने राष्ट्र के नये संविधान को अंगीकार किया। संविधान ही वह कड़ी है जो हर भारतवासी को एक साथ पिरोती है। संविधान देश के हर नागरिक को एक समान अधिकार देता है और एक समान नियमों में बांधता भी है। भारत में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन की लंबी मेहनत के बाद संविधान तैयार किया गया था। भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को हर क्षेत्र में समानता का अधिकार देता है। 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान तैयार हुआ था और 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया था।

राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ शगुफ्ता खानम ने कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर हमें न सिर्फ़ स्वतंत्र भारत का नागरिक होने का एहसास होता है, बल्कि संविधान में उल्लिखित मौलिक अधिकारों से हमें अपना हक़ मिलता है और साथ ही लिखित मूल कर्तव्य से हमें नागरिक के तौर हमें अपनी जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है।

प्रभारी प्रधानाचार्य डा गजाला उर्फी ने शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्राओं एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों को भारत के संविधान की शपथ दिलाएं।

वहीं उपस्थित सभी व्यक्तियों ने संविधान की रक्षा एवं उसकी सिद्धांतों के जीवन में पालन का शपथ लिया।