पूर्ण आत्मविश्वास के साथ बेहतर स्वाध्याय, शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन एवं मोबाइल का सदुपयोग है सफलता का मूल मंत्र- प्रेरणा।
बेहतरीन शिक्षा एवं अच्छे संस्कार देकर बेटा- बेटी को सुयोग्य एवं स्वावलंबी बनाना हो हमारी प्रथम प्राथमिकता- डॉ चौरसिया।
#MNN24X7 दरभंगा, मिथिला की बेटी प्रेरणा नारायण ने बीएचयू, वाराणसी से इसी वर्ष 88% अंकों से साथ संस्कृत से स्नातक प्रतिष्ठा उत्तीर्ण होकर देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू, दिल्ली में नामांकन लिया है। जेएनयू के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में स्वीकृत 63 सीटों में प्रेरणा का मेधा सूची में जनरल कैटेगरी में ऑल इंडिया रैंकिंग 18 है। प्रेरणा ने 2020 में दरभंगा के होली क्रॉस स्कूल से 10 वीं में 94.2%, 2022 में दरभंगा पब्लिक स्कूल से 12वीं में 92.4% अंकों से पास हुई थी। तत्पश्चात उसने स्नातक में नामांकन हेतु राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सीयूइटी परीक्षा में 100 प्रतिशत परसेंटाइल से उत्तीर्ण होकर आवेदित दिल्ली विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के साथ ही बीएचयू, वाराणसी हेतु सामान्य वर्ग से चयनित हुई थी। स्नातकोत्तर कक्षा में नामांकन हेतु केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में नामांकन के लिए पर 30 मार्च, 2025 को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित पीजी- सीयूइटी में 83.33% अंक प्राप्त कर प्रेरणा ने चार विश्वविद्यालयों में आवेदन किया था, जिनमें बीएचयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, पाण्डिचेरी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी तथा जेएनयू शामिल हैं। प्रेरणा का नामांकन हेतु चयन चारों ही विश्वविद्यालयों में सामान्य वर्ग से हुआ। सबसे पहले प्रकाशित दिल्ली विश्वविद्यालय के नामांकन सूची के आधार पर उसने देश के प्रतिष्ठित एवं विश्व स्तरीय सेंट स्टीफेन्स कॉलेज में नामांकन लिया था।
प्रेरणा का उद्देश्य जेआरएफ एवं पीएच डी के बाद प्राध्यापिका बनकर नयी पीढ़ी को संस्कृत भाषा साहित्य के अध्ययन के माध्यम से उच्च मानवीय मूल्यों, प्राचीन परंपरा, भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों से न केवल अवगत कराना, बल्कि उनपर आचरण करवाना भी। अभी दरभंगा में अपने माता- पिता के साथ रहकर प्रेरणा एबीभीपी द्वारा एमआर महिला कॉलेज, दरभंगा में आयोजित सर्जना निखार शिविर में पत्रकारिता, ब्यूटीशियन तथा डांस आदि का प्रशिक्षण ले रही है। साथ ही नेट-जेआरएफ की तैयारी भी उसने शुरू कर दी है। प्रेरणा नारायण ने कहा कि पूर्ण आत्मविश्वास के साथ ही ईश्वर पर विश्वास रखते हुए बेहतर स्वाध्याय, शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन एवं मोबाइल का सदुपयोग ही सफलता का मूल मंत्र है। मैं भविष्य में अच्छी प्राध्यापिका बनकर नैतिक मूल्यों से युक्त सामाजिक एवं राष्ट्रभक्त युवाओं का निर्माण करना चाहूंगी जो राष्ट्रनिर्माण का सिर्फ साक्षी नहीं, बल्कि सारथी भी बन सकेंगे। उसने बताया कि मुझे पिता के कठिन परिश्रम एवं माता की संवेदनशीलता से निरंतर आगे बढ़ाने की ऊर्जा एवं मार्गदर्शन मिल रहा है।
एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगा में रसायनशास्त्र- प्राध्यापिका के रूप में कार्यरत माता डॉ अंजू कुमारी ने बताया कि प्रेरणा में बचपन से ही एक अच्छे शिक्षक बनने का नैसर्गिक गुण मौजूद है। देश- विदेश के बेहतरीन संस्थाओं से गहन ज्ञान एवं श्रेष्ठ डिग्रियां प्राप्त कर प्रेरणा महिला- समाज एवं पूरे मिथिला का नाम रोशन करते हुए दूसरों के लिए प्रेरक स्रोत बनेगी।
बेलादुल्ला निवासी संस्कृत- प्राध्यापक पिता डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि बेहतरीन शिक्षा एवं अच्छे संस्कार देकर बेटा-बेटी को सुयोग्य एवं स्वावलंबी बनाना हमारी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए। जेएनयू भारत का एक प्रतिष्ठित केन्द्रीय विश्वविद्यालय है जो 1000 से अधिक एकड़ में फैला हुआ है, जिसे नैक द्वारा ए प्लस प्लस ग्रेड मिला है जो भारत में उच्चतम ग्रेड है। उन्होंने बताया कि 2024 की आईआईआरएफ की रैंकिंग में जेएनयू को भारत का नंबर वन यूनिवर्सिटी घोषित किया गया है। जहां देश के हर एक कोने से छात्र-छात्राएं आते हैं, जिनसे एक समावेशी एवं विविधतापूर्ण माहौल बनता है। वे जेएनयू में लघु भारत का दर्शन करते हैं।
जेएनयू, दिल्ली नामांकन पर बधाई एवं शुभकामना देने वालों में एएमयू के प्रो कमलानंद झा एवं कल्पना झा, बीएचयू के डॉ शिवलोचन शांडिल्य, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो मंजू राय, ललित कला संकायाध्यक्ष प्रो पुष्पम नारायण, कुलसचिव डॉ दिव्या रानी हंसदा, जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय के डॉ विकास कुमार, पटना विश्वविद्यालय से डॉ मुकेश कुमार चौरसिया, पीजी संस्कृत से डॉ ममता स्नेही एवं डॉ मोना शर्मा, मैथिली से डॉ सुनीता कुमारी, एमएलएसएम से डॉ आनंद मोहन झा, सीएम कॉलेज से प्रो इन्द्रिरा झा, डॉ अखिलेश राठौड़, डॉ सुधांशु कुमार, डॉ संदीप कुमार, डॉ रूपेन्द्र झा, डॉ रीता दुबे, डॉ मीनाक्षी राणा, आरके कॉलेज के डॉ शशिभूषण कुमार, डॉ आरएनपी सिन्हा, डॉ बीबी शाही, डॉ जीतेन्द्र ठाकुर, डॉ राजेश द्विवेदी, डॉ मनोज कुमार, प्रो विनोद साह, राजकुमार मारिवाल, दीपक सिन्हा, अमन पाठक, सिद्धू मल बजाज, मनोरंजन कुमार अग्रवाल, बिनोद कुमार पंसारी, श्रवण कुमार बैरोलिया, कमल कुमार अग्रवाल, लाल बाबू राय, राम प्रताप प्रसाद, पंडित सियाराम शर्मा, प्रदीप कुमार भगत, रवि शंकर भगत, ललित कुमार, जेपी भगत, आस्था नन्द यादव, विजय कुमार, राजकुमार गणेशन आदि के नाम शामिल हैं।