अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति एवं विद्यापति सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में चलाया गया हस्ताक्षर अभियान।
#MNN@24X7 बिहार गीत में मिथिला को स्थान दिलाने के लिए बुधवार को अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति एवं विद्यापति सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। मंगलवार को विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू द्वारा इस बाबत की गई घोषणा को अमल में लाते हुए अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में चल रही पदयात्रा में जनसंपर्क के दौरान यह अभियान चलाया गया। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा।
मौके पर ऑनलाइन संबोधन में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा की यह सर्वविदित है कि दुनिया के नक्शे पर बिहार को अब्बल स्थान दिलाने में मिथिला क्षेत्र की अहम भूमिका रही है। इसकी घोषणा समय-समय पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी खुले मंच से करते रहे हैं कि मिथिला के बिना देश व प्रदेश को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। लेकिन बिहार गीत में मिथिला को अब तक स्थान नहीं दिए जाने से मिथिला क्षेत्र के लोग काफी आहत हैं।
अपने संबोधन में उन्होंने महाकवि कोकिल विद्यापति, जनक, याज्ञवल्क्य, मंडन, भारती अयाची, जानकी, गार्गी भामती आदि विद्वान- विदुषी सहित उनकी जन्म व कर्मस्थली मिथिला को बिहार गीत में अब तक स्थान नहीं दिया जाने की निंदा की।
बिहार गीत में मिथिला को स्थान दिलाने के लिए चले हस्ताक्षर अभियान में फलका के मुखिया संजय झा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलभद्र झा सहित सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस दौरान मिथिला राज्य समर्थक पदयात्रियों का फलका में भव्य स्वागत भी किया गया। मौके पर ग्रामीणों ने मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य गठन के समर्थन का संकल्प लिया। मिथिला राज्य संकल्प पदयात्रा के संयोजक शिशिर कुमार झा ने कहा कि पदयात्रा को मिल रहे अप्रत्याशित समर्थन से यह साबित हो गया है कि मिथिला राज्य का स्वतंत्र गठन सभी चाहते हैं।
मिथिला राज्य अभियानी विजय मिश्र ने कहा कि पदयात्रा के बाद भी सरकार यदि आम मैथिलों के आवाज को अनसुनी करेगी तो सम्पूर्ण मिथिला मे आर्थिक नाकेबंदी के लिए अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति मजबूर होगी। कार्यक्रम में युवा अभियानी मणिभूषण राजू, पुरूषोत्तम पप्पू साह, संजय यादव, विकास कुमार, बबन कुमार झा, ध्रुव झा, नवीन कुमार झा आदि ने ग्रामीणों द्वारा पदयात्रियों के स्वागत और सम्मान को उत्साहवर्धक बताया।