#MNN@24X7 केवटी दुर्गा पूजा समिति के सहायक कोषाध्यक्ष प्रवीण कुमार झा ने बताया कि नवरात्र या दुर्गा पूजा का उत्सव बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत के रुप में मनाया जाता है।
भक्तों द्वारा यह विश्वास किया जाता है कि, इस दिन देवी दुर्गा ने बैल राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। उन्हें ब्रह्मा, भगवान विष्णु और शिव के द्वारा इस राक्षस को मारकर और दुनिया को इससे आजाद कराने के लिए बुलाया गया था। पूरे नौ दिन के युद्ध के बाद, उन्होंने उस राक्षस को दसवें दिन मार गिराया था, वह दिन दशहरा कहलाता है।
नवरात्र का वास्तविक अर्थ, देवी और राक्षस के बीच युद्ध के नौ दिन और नौ रात से है। दुर्गा पूजा के त्योहार से भक्तों और दर्शकों सहित इस स्थान पर बहुत बड़ी भीड़ जमा होती है। यहां 75 वर्ष से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष राम प्रसाद गुप्ता व सचिव आकाश कुमार गुप्ता जी के कुशल दिशा निर्देश में पूजा समिति के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य गण जोर शोर से तैयारी में लगे हुए हैं
वहीं पूजा समिति के सचिव आकाश कुमार ने बताया कि पूर्व वर्ष में दुर्गा पूजा पर करीब नौ लख रुपए का खर्च किए गए इस वर्ष दस ग्यारह लाख खर्च होने के अनुमान है दुर्गा मंदिर में दरभंगा के मूर्तिकार टुन्ना पंडित के द्वारा माता दुर्गा सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा का अंतिम रूप दिया जा रहा है वही दुर्गा भवन की सजावट के लिए कई कलाकार लगाए गए हैं दुर्गा पूजा के आगे भव्य पंडाल एवं अदभूत दृश्य का निर्माण कार्य चल रहा है पूजा समिति के उप सचिव अमृत दास एवं पूजा समिति के कोषाध्यक्ष मनीरंजन झा जी के नेतृत्व में विभिन्न स्थानों पर उपाध्यक्ष विनोदनंद झा, संयुक्त सचिव चंदन महतो, नारायण जी, सत्यम कर्ण, अंकित झा जी के साथ लगातार जनसंपर्क किया जा रहा है एवं पूजा से संबंधित जानकारियां आम जनों तक पहुंचाया जा रहा है यह लोग लगातार दिन रात एक करके मेहनत कर रहे हैं
अध्यक्ष राम प्रसाद गुप्ता ने बताया कि दुर्गा पूजा पर संध्या भजन व सांस्कृतिक कार्यक्रम व पूजा के अंतिम दिन दशमी को रावण वध का आयोजन किया जाएगा दुर्गा पूजा स्थल पर भगवती के प्रतिमा का दर्शन व पूजा अर्चना करने एवं खोइच भरने में भक्तों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए पुख्ता इंतजाम किया गया है दुर्गा पूजा स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेजल सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था होती है स्वच्छता का खास ख्याल रखा जाता है।