#MNN24X7 जयनगर, जयनगर अंचल अंतर्गत उसराही-देवधा मौजा (अभिलेख संख्या-1) एवं कुआढ़ मौजा (अभिलेख संख्या-4) के महादलित पर्चाधारी परिवारों को अब तक दखल-कब्जा नहीं दिलाए जाने, पर्चा भूमि पर अवैध निर्माण व खरीद-बिक्री पर रोक लगाने तथा अंचल कार्यालय से जुड़े दाखिल-खारिज, परिमार्जन, नापी और नकल जैसी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर भाकपा-माले ने 29 दिसंबर 2025 को जयनगर अंचल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
इस संबंध में जयनगर बस्ती पंचायत में डोरवार, बेल्ही दक्षिणी एवं देवधा दक्षिणी पंचायत के दर्जनों पर्चाधारी परिवारों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता पर्चाधारी शिवो देवी ने की। बैठक में बड़ी संख्या में महादलित पर्चाधारियों ने भाग लिया।
भाकपा-माले के प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कहा कि वर्ष 2004-05 में भू-हदबंदी योजना के तहत उसराही-देवधा मौजा में 50 भूमिहीन महादलित (मौची व मुसहर) परिवारों तथा कुआढ़ मौजा में 15 भूमिहीन महादलित मौची परिवारों को भूमि का पर्चा दिया गया था। लेकिन पर्चा मिलने के बाद से ही अवैध भू-स्वामियों ने कागजी दांव-पेच में उलझाकर पर्चा भूमि पर कब्जा कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि 21 वर्षों के बाद भी राज्य सरकार पर्चाधारी परिवारों को दखल-कब्जा दिलाने में पूरी तरह विफल रही है।
भूषण सिंह ने कहा कि एक ओर बिना वैकल्पिक व्यवस्था के गरीबों की झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पर्चाधारी भूमि पर भू-माफियाओं और स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से अवैध पक्का निर्माण और खरीद-बिक्री जारी है। पर्चा भूमि पर रोक के बावजूद एग्रीमेंट, गलत खाता-खेसरा दर्ज कर निबंधन कराए जा रहे हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने बताया कि पर्चाधारी परिवार वर्षों से भाकपा-माले के नेतृत्व में शांतिपूर्ण व जनतांत्रिक आंदोलन करते आ रहे हैं, लेकिन अब तक न तो दखल-कब्जा दिलाया गया और न ही अवैध निर्माण हटाए गए। इसे पर्चाधारी विरोधी नीति बताते हुए भाकपा-माले ने नितीश सरकार की तीखी निंदा की।
बैठक में सीताराम राम, जागेश्वर राम, किसुन महरा, रामऔतार राम, महेंद्री देवी, रानी देवी, दाना राम, पहाड़ी भौशा सदाय सहित दर्जनों पर्चाधारियों ने अपनी बातें रखीं और 29 दिसंबर के प्रदर्शन को सफल बनाने का संकल्प लिया।
