दरभंगा, 08 मार्च 2022 :- 8 मार्च , अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में समेकित बाल विकास परियोजना, दरभंगा द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी, उपस्थित महिला पदाधिकारीयों एवं उप विकास आयुक्त तनय तुल्तानिया के कर-कमलों से दीप प्रज्जवलित कर किया गया तथा इस अवसर पर किलकारी की छात्राओं द्वारा *‘‘जय जय भैरवी असुर भयावनी …………… एवं स्वागत गीत’’* प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आज का दिन महिलाओं के सशक्तिकरण का दिन है, समाज में महिलाओं की समान भागीदारी के रूप में देखने का दिन है, उनके त्याग और नेतृत्व को पहचानने का दिन है। हमारे संविधान में महिलाओं को हर मायने में चाहे शिक्षा हो, अवसर हो, मताधिकार हो सभी में बराबरी का दर्जा दिया गया है, जबकि दुनिया के कई विकसित देशों में यहाँ तक कि अमेरिका में भी महिला मताधिकार में समानाता का अधिकार बहुत बाद में मिला है।
उन्होंने कहा कि जबकि हमारे संविधान में महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अधिकार प्रदान किये गये हैं, ताकि समाज एवं राष्ट्र के विकास में महिलाएँ अग्रणी भूमिका में रहें। बिहार सरकार ने भी महिलाओं के उत्थान के लिए अविस्मरणीय पहल की है। महिलाओं को पंचायती राज व्यवस्था में एवं सरकारी सेवा में आरक्षण की व्यवस्था की गयी है। यहाँ तक की शिक्षा एवं बाल विकास परियोजनाओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका महिलाओं को दी गयी है, ताकि महिलाएँ आगे आए, समाज को विकसित करें और राज्य को आगे ले जाएं, यहाँ तक की बिहार में जो समाज सुधार की पहल हो रही है, उसमें भी महिलाओं की अहम भूमिका है। महिलाओं की माँग पर ही बिहार में शराबबन्दी अभियान प्रारंभ की गयी, ये महिलाओं के सशक्तिकरण का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि समाज और परिवार को आगे ले जाने का जो महिलाओं का ध्येय रहता है, यह उसका परिचाय है। अब सरकार बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन को भी संकल्पित है। उन्होंने कहा कि हमें देखना होगा कि जिस तरह से महिलाओं के सम्मान के लिए उनकी जागृति के लिए समाज ने आगे बढ़कर उनके नेतृत्व को देखा है, यह बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि हम देखे तो महिलाओं में समाज के विकास में बहुत बड़ी भूमिका होती है। हम महिला के बिना समाज की कल्पना नहीं कर सकते। महिलाओं के बिना बने समाज में त्याग, करूणा, प्यार और परिवार को आगे ले जाने में भावना नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के बिना हम किसी भी समाज या संस्कृति की कल्पना नहीं कर सकते हैं। हमारे सामाजिक व सांस्कृतिक विरासत की नीव महिलाओं की त्याग पर टिकी हुई है। एक महिला का योगदान सिर्फ घर और परिवार तक सिमित नहीं होता। बच्चों में संस्कार देने में उनका बहुत बड़ा योगदान होता है।
उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि जो बदलाव मैं 500 पुरूषों को लेकर नहीं ला सकता, वह बदलाव 50 महिलाओं के साथ समाज में ला सकता हूँ। यह महिलाओं की ताकत को बताता है। हमलोग संस्कृत में भी कते है :- *‘‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवताः’’* अर्थात् जिस समाज में नारी का सम्मान है, वहाँ ईश्वर का निवास है।
उन्होंने कहा कि हमने अपने जीवन में हर जगह माँ के रूप में, बहन के रूप में, सखा के रूप में, शान्ति एवं ममता के प्रतिक के रूप में नारी को देखा है और समझा है। पूरे देश को हम माता के रूप में देखते हैं, जन्मभूमि को भी माँ के रूप में देखते है, ईश्वर में भी माँ को देखते है और माँ को भी ईश्वर के रूप में देखते हैं।
सिर्फ कोई दिवस नारी के योगदान को रेखाकिंत करने के लिए पर्याप्त नहीं है। नारी समाज का स्वभाविक रूप है और भारतीय संस्कृति की परम्परा में सम्मलित है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर उपस्थित सभी महिला पदाधिकारियों को अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि समाज को आगे ले जाने में पुरूषों से ज्यादा महिलाओं का योगदान है, परन्तु पुरूष और महिला अलग-अलग वर्ग नहीं है, दोनों के सहयोग से परिवार, समाज और संस्कृति आगे बढ़ता है।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त तनय सुल्तानिया ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कार्यक्रम में बैठे जिला परिषद अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए उकहा कि उन्हें यह बताने में गर्व महसुस हो रहा है कि जिला परिषद् के अध्यक्ष महिला हैं और 47 पार्षदों में अधिक संख्या महिला पार्षदों की है।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के विभिन्न पदों पर भी महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। हमारी सामाजिक, आर्थिक और प्रशासनिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, जिले के टीकाकरण अभियान में महिलाओं के योगदान के कारण ही जिला अग्रणी तीन जिलों में शामिल हो पाया।
इसके पूर्व जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, समेकित बाल विकास योजनाएं डॉ रश्मि वर्मा द्वारा जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त एवं सभी उपस्थित पदाधिकारियों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर माननीय जिला परिषद अध्यक्ष रेणु देवी, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर स्पर्श गुप्ता, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, वरीय उप समाहर्त्ता कंचन कुमारी एवं पुष्पिता झा, अनुमण्डल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सदर नयना कुमारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (समेकित बाल विकास परियोजना) डॉ. रश्मि वर्मा, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण ईकाई नेहा नुपूर एवं महिला थानाध्यक्ष एवं अन्य संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे। वहीं कार्यक्रम का संचालन महिला हेल्पलाइन के महिला संरक्षण पदाधिकारी अजमातुन निशा द्वारा किया गया।