#MNN@24X7 दरभंगा, जिला परिषद दरभंगा के सभागार में अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन प्रभारी जिलाधिकारी सह उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी, अपर समाहर्ता सह वरीय प्रभारी आपदा प्रबंधन श्री राजेश झा राजा, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी आलोक राज एवं मुखिया संघ के अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्वलित कर संयुक्त रूप से शुभारंभ किया गया।
    
इस अवसर पर सुरक्षित ग्राम: विशेषताएं और हमारी भूमिका विषय पर आयोजित उन्मूखीकरण सह कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा कब आएगी, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, आपदा अचानक आती है, इसकी पूर्व तैयारी रखने पर आपदा के समय उसका प्रभाव कम होता है।
    
उन्होंने कहा कि कुछ आपदायँ नियमित रुप से आती है, जैसे बाढ़ सुखाड़ की आपदा इसकी तैयारी सरकार एवं जिला प्रशासन के स्तर से पूर्व से की जाती है, जिसके कारण बाढ़ के समय होने वाली जान माल की क्षति को कम से कम किया जा सके।
   
उन्होंने कहा कि अब मौसम जनित आपदा भी आ रही है, विगत वर्ष सुखाड़ की समस्या आयी थी। किसानों को काफी कठिनाइयों झेलनी पड़ी, अब जल संकट हो रहा है, इस तरह मौसम जनित आपदा भी अब आ रही है।
    
अतः पंचायत स्तर पर भी आपदा के प्रभाव को कम करनेवाली प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता है, ताकि आपदा के समय अच्छी तरह से समस्याओं से निबटा जा सके, जो भी वांछित संसाधन हैं वे पूर्व से चिह्नित रहे, सूचीबद्ध रहे, ताकि कम से कम समय में वो उपलब्ध हो सके।
    
उन्होंने कहा कि अब अमूमन भूकंपरोधी मकान बनवाए जा रहे हैं, यह भी एक तरह से आपदा की जोखिम को न्यून करने की दिशा में एक कदम है।
   
हर पंचायत की भौगोलिक स्थिति अलग होती है, इसलिए संभावित आपदा भी अलग होगी, उसे चिन्हित करना होगा और उसी के अनुरूप पूर्व तैयारी रखनी होगी।
   
एसडीआरएफ द्वारा प्रशिक्षित आपदा मित्र सभी पंचायत को उपलब्ध कराया गया है, उनके माध्यम से और भी लोगों को आपदा बचाव से संबंधित प्रशिक्षण दिलवाया जा सकता है।
     
बिहार सरकार का संकल्प है कि राज्य के संसाधन पर पहला हक आपदा पीड़ितों का है और इसके लिए सरकार आपदा के समय संवेदनशील व तत्पर रहती है, जिसके परिणाम है कि आपदा प्रभावित परिवार को अतिशीघ्र मुआवजा एवं अन्य देय सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
   
उन्होंने सभी मुखिया जी एवं पंचायत सचिव को कहा कि आप अपने क्षेत्र को अच्छी तरह से समझते हैं, तदनुसार तैयारी रखें। कौन सा संसाधन कहाँ से मिलेगा इसकी पूरी जानकारी संकलित रखें, ताकि आपदा के समय काम आ सके और कम समय में आपदा से निपटा जा सके।
     
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर समाहर्ता सह वरीय प्रभारी आपदा प्रबंधन श्री राजेश झा राजा ने आपदा के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आपदा कई प्रकार के होते हैं। प्राकृतिक आपदा में बाढ़, सुखाड़ एवं भूकम्प इत्यादि है, बाढ़ की तैयारी प्रशासन पूर्व से रखती है, इसी प्रकार ग्राम पंचायत को भी पूर्व तैयारी रखनी होगी। उन्होंने बक्सर रेल दुर्घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि आपदा सूचना देकर नहीं आती है, अचानक आती है।
     
उन्होंने कहा कि आपदा के प्रभाव को हम कम कर सकते हैं तथा विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए अलग-अलग गाइडलाइन दिए गए हैं और इसी गाइडलाइन के आधार पर हम संसाधनों को एकत्रित रखते हैं, जिनमें मानव संसाधन एवं यांत्रिक संसाधन शामिल हैं और ये संसाधन आपदा के समय कहाँ से प्राप्त होंगे, जिला आपदा प्रबंधन द्वारा चिन्हित किया गया है, और इसे ऑनलाइन भी किया गया है,जिसे आप देख सकते हैं। यांत्रिक संसाधन में जेसीबी हो सकता है, रोलर, ट्रैक्टर एवं एंबुलेंस भी हो सकता है। आपदा के समय इन सभी की आवश्यकता पड़ती है, इस प्रकार जितने भी वांछित संसाधन है जिनकी आवश्यकता आपदा के समय पड़ती है उसे चिन्हित करके रखना आवश्यक होता है। इससे आपदा के समय आपदा के प्रभाव कम करने में सुविधा होती है।
    
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप निदेशक जन संपर्क ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस मनाने का उद्देश्य है कि आपदा के प्रति लोगों को जागरुक एवं मानसिक रूप से तैयार रखा जाए।
  
विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक, मानव जनित आपदाएं आती है, जिनमें भूकंप, बाढ़, सुखाड़, आगजनी, रेल,सड़क दुर्घटना विभिन्न प्रकार की महामारी शामिल है। इसके संबंध में पूर्व से बचाव के उपाय की जानकारी तथा उन संसाधनों की उपलब्धता के स्रोत की जानकारी रहने से आपदा के समय बचाव में कम समय लगता है।
    
बिहार सरकार बाढ़ पूर्व तैयारी रखती है, मई माह से ही वांछित सामग्री एवं संसाधनों की तैयारी कर ली जाती है।
   
जिला पंचायती राज पदाधिकारी सह प्रभारी पदाधिकारी आपदा ने कहा कि पंचायत के विकास के सूचकांक में आपदा से संबंधित भी 17 प्रश्न शामिल है। अब पंचायत की रैंकिंग उनके सूचकांक पर की जाएगी, जो ऑनलाइन प्रक्रिया है। इसलिए पंचायतों को आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए भी तैयारी रखनी होगी, उन्हें स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के क्षेत्र में भी कार्य करने होंगे।
  
इस अवसर पर बिहार इंटर एजेंसी ग्रुप के श्याम किशोर सिंह ने पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ग्राम पंचायतों द्वारा आपदा के जोखिम का न्यूनीकरण के लिए पूर्व में की जाने वाली तैयारी के लिए किए जानेवाले कार्य व उपाय की बिंदुवार जानकारी दी।
  
कार्यक्रम को मुखिया संघ के अध्यक्ष ने भी संबोधित किया।
       
इस अवसर पर प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी बिरौल, बहादुरपुर एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी तथा जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।