#MNN@24X7 पश्चिमी सिंहभूम।झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कराईकेला थाना क्षेत्र के रायबेरा गांव में एक व्यक्ति को अपने गांव में चिता नसीब नहीं हुई।अंधविश्वास की वजह से ग्रामीणों ने डांगोसाई स्थित तालाब में मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार करने नहीं दिया।मजबूरन मृतक के परिजनों को चक्रधरपुर शमशान घाट ले जाकर मृतक का अंतिम संस्कार करना को पड़ा।
जानें क्या है मामला
गुरुवार को कराईकेला थाना क्षेत्र की लांडुपोदा पंचायत के डांगोसाई स्थित तालाब में डूबने से रायबेरा गांव निवासी 49 वर्षीय बोदरो बोदरा की मौत हो गई थी।शव को मुखिया कुश पूर्ति की उपस्थिति में तालाब से निकाल कर मृतक के घर पहुंचा दिया गया था।रात होने के कारण शव का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। दूसरे दिन शुक्रवार को मृतक बोदरो बोदरा के शव को गांव में अंतिम संस्कार नहीं करने दिया गया।ग्रामीणों के अनुसार तालाब में भूत होने के कारण ही उसकी मौत हुई है। इसलिए मृतक को इस गांव में अंतिम संस्कार करने से रोका गया है।मुखिया ने गांव के लोगों को समझाया मगर बात नहीं बनी।
जानें क्या है मामला
मिली जानकारी के अनुसार बोदरा गुरुवार की दोपहर 12 बजे रायबेरा स्थित तालाब गया था।जहां नहाने के दौरान बोदरा डूब गया था। गुरुवार शाम को जब ग्रामीण तालाब की ओर पहुंचे तो चप्पल, कपड़ा और साबुन देखा, लेकिन कोई व्यक्ति नहीं दिखा।कुछ देर बाद बोदरा के परिजन भी उसकी खोजबीन कर रहे थे।देर शाम करीब साढ़े छह बजे तालाब में तैरते हुए एक व्यक्ति का शव ग्रामीणों ने देखा।जिसके बाद बोदरा के परिजनों को सूचना दी गई।जहां परिजन पहुंचकर शव की पहचान की थी।
बंदगांव प्रखंड में फैला अंधविश्वास
बंदगांव प्रखंड में आज भी काफी अंधविश्वास फैला हुआ है।लोग बीमार होने पर डॉक्टर के पास न जाकर ओझा-गुनी के पास जाते हैं।डायन बिसाही की बात सभी लोग मानते हैं।ग्रामीण डायन बिसाही के कारण बोदरा की मौत की बात कह रहे हैं। यही कारण है कि गांव में उसके शव का अंतिम संस्कार होने नहीं दिया गया।
(सौ स्वराज सवेरा)