पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए आरजेडी और जदयू के बाद बीजेपी ने भी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. हालांकि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी ने देश के गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था. जिसमें भाजपा को पुराना वादा याद दिलाते हुए वादे के मुताबिक एक सीट का उधार चुकता करने के लिए कहा था. इस बीच बीजेपी कोटे से बिहार सरकार में मंत्री रामसूरत राय और आलोक रंजन ने मुकेश सहनी पर निशाना साधा है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी ने अपना वादा पूरा किया है.
वीआईपी सुप्रीमो सह पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के बयान पर मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि बीजेपी ने मुकेश सहनी को काफी सम्मान दिया. विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्हें अपने कोटा से मंत्री बनाया. अब वे एनडीए के पार्ट नहीं हैं. वहीं मंत्री आलोक रंजन ने कहा कि हमलोगों ने जो वादा किया उसको निभाया. उन्होंने कहा कि मुकेश सहनी को टिकट दिया गया लेकिन वह अपने क्षेत्र से भी चुनाव हार गए. पार्टी ने वादा किया था तो हारने के बाद उसको एमएलसी बनाया. इसके बाद क्या हुआ सबलोग जानते ही हैं.
वहीं बीजेपी ने अनिल शर्मा और हरी साहनी को विधान परिषद चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है. मंत्री आलोक रंजन ने कहा कि बीजेपी के दोनो पार्टी प्रत्याशी अऩिल शर्मा और हरि सहनी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं. वहीं मंत्री रामसूरत राय ने भी कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है और इसमें कार्यकर्ताओं का हमेशा से सम्मान होता रहा है. इस बार भी एमएलसी चुनाव में पार्टी ने कार्यकर्ताओं का ही सम्मान किया है.
बता दें कि बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी ने भाजपा को पुराना वादा याद दिलाते हुए वादे के मुताबिक एमएलसी का एक सीट का उधार चुकता करने के लिए कहा था. इसको लेकर उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा था. अमित शाह को लिखे पत्र में मुकेश सहनी कहा कि विधानसभा चुनाव 2020 के समय वीआईपी एनडीए का हिस्सा थी. वीआईपी को गठबंधन में शामिल करने के समय 11 विधानसभा सीट एवं 1 एमएलसी की सीट देने का वादा भाजपा की तरफ से किया गया था.